गोल्ड पर आयात ड्यूटी घटाए सरकार, ज्वैलरी इंडस्ट्री की डिमांड

Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Jan, 2018 11:22 AM

gold import duty on gold  demand of jewelery industry

सरकार जी.एस.टी. लागू होने के बाद फरवरी में पहला आम बजट पेश करने जा रही है। जी.एस.टी. में ज्वैलरी इंडस्ट्री को लेकर कई नए नियम लगाए गए और कई में बदलाव किया गया। ऐसे में ज्वैलरी इंडस्ट्री को इस आम बजट से काफी उम्मीदे हैं।

नई दिल्ली : सरकार जी.एस.टी. लागू होने के बाद फरवरी में पहला आम बजट पेश करने जा रही है। जी.एस.टी. में ज्वैलरी इंडस्ट्री को लेकर कई नए नियम लगाए गए और कई में बदलाव किया गया। ऐसे में ज्वैलरी इंडस्ट्री को इस आम बजट से काफी उम्मीदे हैं। बजट पेश होने से पहले ज्वैलर्स एसोसिएशन आयात ड्यूटी कम किए जाने की डिमांड कर रहे हैं।

ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी ट्रेड फैडरेशन (जी.जे.एफ.) के चेयरमैन नितिन खंडेलवाल ने बताया कि सरकार ने तस्करी रोकने के लिए गोल्ड पर आयात ड्यूटी बढ़ाई थी। अब इस पर काफी हद तक कंट्रोल कर लिया गया है। इस बार हमें सरकार से आयात ड्यूटी को 10 से घटाकर 4 प्रतिशत करने की मांग है। उन्होंने कहा कि ड्यूटी स्ट्रक्चर कम होने से गोल्ड की कीमत कम होगी और डिमांड बढ़ेगी। इससे गोल्ड इंडस्ट्री ऑर्गेनाइज्ड होगी। बता दें कि जी.जे.एफ . के साथ अभी 4 लाख से अधिक ज्वैलर हैं। 

हॉलमार्किंग को भारत में वर्ष 2000 में लागू किया गया था लेकिन इसे जरूरी नहीं बनाया गया था। अब 17 साल के बाद भी भारत में अभी तक सिर्फ 15,000 ज्वैलर्स के पास हॉलमार्किंग का लाइसैंस है और देश में सिर्फ  500 हॉलमार्किंग टैस्ट लैब हैं। नितिन खंडेलवाल ने कहा कि सरकार को हॉलमार्किंग मैन्युफैक्चरिंग लेवल पर अनिवार्य बनाना चाहिए, जिससे असंगठित ज्वैलर्स भी हॉलमार्किंग के दायरे में आ सकें। 

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