Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Jun, 2017 12:15 PM
गोल्ड ज्वैलरी के खरीददारों पर टैक्स का बोझ कम करने और कीमतों में ट्रांसपेरेंसी को बढ़ावा देने के लिए जी.एस.टी. काऊंसिल ने रविवार को हुई बैठक में गोल्ड ज्वैलरी पर मेकिंग चार्ज को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया।
नई दिल्लीः गोल्ड ज्वैलरी के खरीददारों पर टैक्स का बोझ कम करने और कीमतों में ट्रांसपेरेंसी को बढ़ावा देने के लिए जी.एस.टी. काऊंसिल ने रविवार को हुई बैठक में गोल्ड ज्वैलरी पर मेकिंग चार्ज को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया। जी.एस.टी. काऊंसिल ने कुल 66 आइटम्स पर जी.एस.टी. दर कम कर दिए हैं।
ट्रांसपेरेंसी बढ़ाने में मदद मिलेगी
जी.एस.टी. काऊंसिल ने हाल ही में गोल्ड, जेम्स और ज्वैलरी पर 3 फीसदी तक जी.एस.टी. रेट तय किया था। साथ ही काऊंसिल ने शुरू में सोने पर मेकिंग चार्ज के लिए 18 फीसदी का जी.एस.टी. रेट तय किया था। इससे कंज्यूमर पर 4 फीसदी टैक्स का अतिरिक्त बोझ बढ़ गया था, जो ज्वैलरी पर 1 फीसदी वैट और एक्साइज से दोगुना ज्यादा था।
जेम एंड ज्वैलरी फेडरेशन के चेयरमैन नितिन खंडेलवाल ने कहा कि मेकिंग चार्ज में कटौती से ना सिर्फ कंज्यूमर पर से बोझ कम होगा, बल्कि इससे ट्रांसपेरेंसी को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
गोल्ड, सिल्वर और डायमंड ज्वैलरी के लिए ये रहेंगी जी.एस.टी. रेट
जी.एस.टी. काऊंसिल की 15वीं मीटिंग में गोल्ड और गोल्ड ज्वैलरी के लिए 3 फीसदी जी.एस.टी. रेट तय की थी, वहीं सिल्वर और सिल्वर ज्वैलरी के लिए 3 फीसदी रेट तय की थी। इसके अलावा डायमंड और डायमंड ज्वैलरी के लिए भी यही रेट तय की गई थी।