Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Jul, 2017 12:45 PM
वित्त मंत्रालय का कहना है कि हाउसिंग सोसायटी या रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से मुहैया करवाई जाने वाली सेवाएं
नई दिल्लीः वित्त मंत्रालय का कहना है कि हाउसिंग सोसायटी या रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से मुहैया करवाई जाने वाली सेवाएं, जी.एस.टी. लागू होने के बाद महंगी नहीं होगी। मंत्रालय का ये रुख ऐसे समय में आया है जब सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों पर ये चर्चा गरम है कि जी.एस.टी. लागू होने के बाद हाउसिंग सोसायटी में रहने वालों को सभी के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध सामान और सेवाओं पर ज्यादा खर्च करना पड़ेगा ऐसी अटकलों को खारिज करते हुए मंत्रालय ने कहा है हाउसिंग सोसायटी या रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन चाहे पंजीकृत हो या नहीं, यदि वो अपने सदस्यों से पांच हजार रुपये तक हर महीने फीस लेते हैं, तो उसपर जी.एस.टी. नहीं लगेगा।
अगर फीस पांच हजार रुपए से ज्यादा हो, लेकिन सोसायटी या एसोसिएशन की सालाना कमाई 20 लाख रुपए से कम हो तो वहां पर भी जी.एस.टी. नहीं लगेगा बहरहाल, पांच हजार रुपए से ज्यादा फीस और 20 लाख रुपये से ज्यादा की सालाना कमाई होने की सूरत में एसोसिएशन को जी.एस.टी. देना होगा, लेकिन वहां पर सोसायटी को इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा मिलेगा.इनपुट टैक्स क्रेडिट जेनरेटर, वाटर पंप, लॉन फर्नीचर, नल और मरम्मत व रखरखाव सेवाओं पर किए गए खर्च के बदले में इनपुट टैक्स क्रेडिट ले सकेंगे।