Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Mar, 2018 08:34 AM
सरकार राजकोषीय घाटे (फिस्कल डैफीसिट) के प्रैशर को कम रखने के लिए तमाम सोर्सेज से फंड जुटाने की संभावनाएं खंगाल रही है। इस क्रम में सरकार ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आर.बी.आई.) से 13,000 करोड़ रुपए अतिरिक्त डिवीडैंड की मांग की है, जो पूर्व में दिए गए...
नई दिल्लीः सरकार राजकोषीय घाटे (फिस्कल डैफीसिट) के प्रैशर को कम रखने के लिए तमाम सोर्सेज से फंड जुटाने की संभावनाएं खंगाल रही है। इस क्रम में सरकार ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आर.बी.आई.) से 13,000 करोड़ रुपए अतिरिक्त डिवीडैंड की मांग की है, जो पूर्व में दिए गए 30,659 करोड़ रुपए के अलावा हैं।
जून 2017 में समाप्त वित्त वर्ष के लिए आर.बी.आई. ने अगस्त में 30,659 करोड़ रुपए के डिवीडैंड का भुगतान किया था, जो 2015-16 में दिए गए 65,876 करोड़ रुपए के डिवीडैंड की तुलना में आधे से भी कम था। वित्त राज्य मंत्री पी. राधाकृष्णन ने लोकसभा में दिए एक लिखित जवाब में कहा कि सरकार ने आर.बी.आई. द्वारा पूर्व में ट्रांसफर किए गए 30,659 करोड़ रुपए के अलावा सरप्लस 13,000 करोड़ रुपए की मांग की है। सरकार पर फिस्कल डैफीसिट को कम रखने का खासा प्रैशर है, जिसके मौजूदा वित्त वर्ष में जी.डी.पी. की तुलना में 3.5 प्रतिशत के स्तर पर पहुंचने का अनुमान है।