Edited By ,Updated: 21 Mar, 2017 01:54 PM
सरकार ने आज कहा कि वह किसानों से उनके उत्पादों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदनें को प्रतिबद्ध है..
नई दिल्ली: सरकार ने आज कहा कि वह किसानों से उनके उत्पादों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदनें को प्रतिबद्ध है और दलहन का 20 लाख टन बफर स्टाक बनाने की दिशा में पहल करते हुए अभी तक 15 लाख टन खरीद की जा चुकी है। शून्यकाल के दौरान कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने कर्नाटक समेत देश के विभिन्न हिस्सों में दलहन के अधिक उत्पादन को देखते हुए सरकार से आग्रह किया कि वह किसानों से दलहन विशेष तौर पर अरहर की खरीद सुनिश्चित करे।
खाद्य, आपूर्ति एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि जो सवाल खड़गे जी ने उठाया है और मांग की है कि अरहर समेत तीन लाख टन अतिरिक्त दलहन की खरीद की जाए। ऐसे में हम कहना चाहेंगे कि नैफेड कृषि मंत्रालय के तहत आता है और हमने तुरंत 50 हजार टन खरीद के आदेश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि किसान के उत्पादों को एमएसपी पर खरीदा जाना चाहिए। पहली बार हमने 20 लाख टन का बफर स्टाक बनाने का निर्णय किया है और अब तक 15 लाख टन की खरीद की जा चुकी हैं।
पासवान ने कहा कि जहां तक एमएसपी और बोनस का सवाल है, ऐसे में हम कहना चाहेंगे कि हमें किसानों के उत्पाद को एमएसपी पर खरीदना है, दूसरा पैसे का भी सवाल होता है जो वित्त मंत्रालय से जुड़ा होता है। ‘हमेंं रन भी बनाना होता है और विकेट भी बचाए रखना होता है।’’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन हम इस बात से सहमत हैं कि किसानों के उत्पादों को एमएसपी पर खरीदा जाना चाहिए।’
इससे पहले इस विषय को उठाते हुए कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कृषि के पैटर्न में बदलाव हुए हैं और दलहन का उत्पादन बढ़ा है। पिछले वर्ष खराब मानसून के बावजूद कर्नाटक में अरहर का अधिक उत्पादन हुआ है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष केंद्र और राज्य सरकार की ओर से विभिन्न प्रोत्साहन पहल के कारण दलहन का उत्पादन बढ़ा है। इस बीच भारत सरकार ने विदेशों से भी अरहर की खरीद की है।
खड़गे ने कहा कि भारत सरकार ने दलहन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5,050 रूपए घोषित किया है। ऐसा पाया गया है कि प्रति क्विंटल दलहन की खेती पर 6400 रूपए खर्च आता है। ऐसे में न्यूनतम समर्थन मूल्य 7000 रूपए किए जाने और 1000 रूपए बोनस देने की जरूरत है।