प्याज की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने लिया यह फैसला

Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Nov, 2017 11:08 AM

government decided to curb prices of onions

प्याज की कीमत 65-70 रुपए किलो होने के बीच सरकार ने इसकी उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों पर अंकुश लगाने के मकसद से एम.एम.टी.सी. जैसी सरकारी व्यापार कंपनियों को इसका आयात करने की अनुमति प्रदान की।     उपभोक्ता मामलों के सचिव अविनाश के श्रीवास्तव की अगुवाई...

नई दिल्लीः प्याज की कीमत 65-70 रुपए किलो होने के बीच सरकार ने इसकी उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों पर अंकुश लगाने के मकसद से एम.एम.टी.सी. जैसी सरकारी व्यापार कंपनियों को इसका आयात करने की अनुमति प्रदान की।     उपभोक्ता मामलों के सचिव अविनाश के श्रीवास्तव की अगुवाई वाली मूल्य स्थरीकरण कोष प्रबंधन समिति की बैठक में इस संदर्भ में एक फैसला लिया गया। श्रीवास्तव ने एक बयान में कहा, ‘‘बैठक में बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों को नरम करने के लिए सरकारी एजेंसियों के जरिए प्याज का आयात करने का फैसला लिया गया।’’

उन्होंने कहा कि इसके अलावा सहकारिता संस्था नाफेड और लघु कृषक कृषि व्यवसाय कंसोटिर्यम (एस.एफ.ए.सी.) को उत्पादक क्षेत्रों से कमश: 10,000 टन और दो हजार टन की खरीद करने और इसे उपभोक्ता राज्यों को आपूॢत करने को कहा गया है। उन्होंने कहा, ‘‘यह प्याज की उपलब्धता को बढ़ाने और कीमतों को नरम करने में मदद करेगा।’’ आयात की मात्रा के बारे में अभी तय नहीं किया गया है। इस आयात के लिए एम.एम.टी.सी. निविदा जारी करेगी। अभी तक उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय प्याज का आयात निजी व्यापारियों के जरिए करवाता रहा है जिन्होंने विदेशी बाजारों से 11,400 टन की खरीद की है। बाजार में सट्टेबसजी को रोकने और अवांछित व्यापार गतिविधियों को हतोत्साहित करने के लिए उपभोक्ता मामला विभाग ने राज्यों को प्याज का स्टॉक रखने की सीमा को तय करने के लिए अधिकृत किया है। बाजार में सीमित आपूर्ति के कारण पिछले एक माह से भी अधिक समय से प्याज की कीमतों में तेजी आ रही है। मौजूदा समय में राष्ट्रीय राजधानी के साथ अन्य शहरों में प्याज की खुदरा कीमत 60-70 रुपए किलो की ऊंचाई पर बनी हुई है।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बाजार में सीमित आपूर्ति का कारण बेमौसम बरसात के कारण खरीफ प्याज की बुवाई के रकबे में संभावित कमी होना है। किसानों को उस वक्त बरसात हासिल नहीं हुई जब इसकी जरुरत थी। ऐसी उम्मीद है कि खरीफ प्याज उत्पादन में कम से कम 10 प्रतिशत की कमी आ सकती है। गौरतलब है कि देश की कुल प्याज फसल का 40 प्रतिशत हिस्सा खरीफ सत्र से आता है जबकि शेष प्याज रबी फसल से प्राप्त होता है। हालांकि खरीफ प्याज फसल का भंडारण नहीं किया जा सकता। देश में प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, बिहार और गुजरात प्रमुख हैं। 
 

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