Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Dec, 2017 09:54 PM
विमानन कंपनियों के अंतर्राष्ट्रीय संगठन आई.ए.टी.ए. के प्रमुख अलेक्जेंद्र डी. जुनियाक का कहना है कि एयर इंडिया के लिए सही निजीकरण प्रक्रिया चुनी जानी चाहिए। उन्होंने कहा है कि सरकार को इस कंपनी में हिस्सेदारी रखने की कोई जरूरत नहीं है। एयर इंडिया...
जिनेवा: विमानन कंपनियों के अंतर्राष्ट्रीय संगठन आई.ए.टी.ए. के प्रमुख अलेक्जेंद्र डी. जुनियाक का कहना है कि एयर इंडिया के लिए सही निजीकरण प्रक्रिया चुनी जानी चाहिए। उन्होंने कहा है कि सरकार को इस कंपनी में हिस्सेदारी रखने की कोई जरूरत नहीं है।
एयर इंडिया दुनिया भर की 275 से अधिक विमानन कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन इंटरनैशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आई.ए.टी.ए.) की सदस्य है। जुनियाक ने ऋण बोझ से दबी एयर इंडिया में हिस्सेदारी बेचने के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार को प्रतिस्पर्धी शर्तें तलाशनी होंगी ताकि एयर इंडिया को अन्य से प्रतिस्पर्धा करने के सही अधिकार मिल सकें।
उन्होंने कहा, ‘‘हम एयर इंडिया के निजीकरण का समर्थन करते हैं। कंपनी का निजीकरण संशोधित शर्तों पर होना चाहिए ताकि वह प्रभावी रूप से प्रतिस्पर्धा में सक्षम हो सके।’’ सरकार एयर इंडिया को पटरी पर लाने के लिए रणनीतिक विनिवेश की औपचारिकताएं तय करने में लगी है। कंपनी पर 50,000 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज है।
भारत में कड़ी प्रतिस्पर्धा का जिक्र करते आई.ए.टी.ए. के महानिदेशक व सी.ई.ओ. जुनियाक ने कहा कि एयर इंडिया को ‘प्रतिस्पर्धा के लिए उचित हथियार’ मिलने चाहिएं। एक अन्य सवाल के जवाव में उन्होंने कहा कि तेजी से बढ़ते भारतीय विमानन क्षेत्र के लिए परिदृश्य बहुत अच्छा है लेकिन बुनियादी ढांचे व कराधान से जुड़े मुद्दे इसकी वृद्धि में बाधा बन सकते हैं।