Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Oct, 2017 01:43 PM
सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत छोटे कारोबारियों के लिए शुरू की गई कंपोजिशन स्कीम को ज्यादा आकर्षक बनाने की तैयारी में है। इसमें अंतरराज्यीय आपूर्ति को भी शामिल किया जा सकता है साथ ही इसके कारोबारियों को इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा दी जा...
नई दिल्लीः सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत छोटे कारोबारियों के लिए शुरू की गई कंपोजिशन स्कीम को ज्यादा आकर्षक बनाने की तैयारी में है। इसमें अंतरराज्यीय आपूर्ति को भी शामिल किया जा सकता है साथ ही इसके कारोबारियों को इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा दी जा सकती है। असम के वित्त मंत्री हेमंत विश्व शर्मा की अगुआई वाली मंत्रियों की समिति रविवार की बैठक में कंपोजिशन स्कीम में बदलाव को अंतिम रूप दे सकती है। समिति छोटे और मझोले उद्योग के नुमाइंदों से बात करेगी और इस योजना में सुधार के लिए उनकी राय जानेगी। समिति की यह दूसरी बैठक होगी। इससे पहले की बैठक में समिति ने रेस्टोरेंट के लिए कर की दर 18 से घटाकर 12 फीसदी करने का फैसला लिया था।
छोटे व्यापारियों के लिए इसका विकल्प अपनाना होगा आसान
समिति के सदस्य ने कहा कि बैठक में इस बात पर आम राय थी कि छोटे और मझोले उद्यमों के लिए जीएसटी के तहत अनुपालन का बोझ कम करने की जरूरत है। अब हम कंपोजिशन योजना का दायरा बढ़ाने पर विचार करेंगे। इसमें सामान की एक से दूसरे राज्य में आपूर्ति को शामिल किया जा सकता है। इस क्षेत्र की यह एक प्रमुख मांग है। उन्होंने कहा कि इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा भी कंपोजिशन योजना के तहत दी जा सकती है जिससे कि छोटे व्यापारियों के लिए इसका विकल्प अपनाना आसान हो।
कई छोटे कारोबारी कंपोजिशन योजना अपनाने से हिचक रहे हैं। उनका मानना है कि बड़ी कंपनियां उनसे खरीद बंद कर सकती है। इसे ठीक करने की जरूरत है। लघु एवं मझोले उद्योगों के मंत्रालय से कहा गया है कि वह उद्योग के नुमाइंदों से बात कर उनकी मांग को समझे। इस समिति में बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी के अलावा जम्मू कश्मीर के वित्त मंत्री हसीब द्राबू, पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल और छत्तीसगढ़ के वाणिज्य कर मंत्री अमर अग्रवाल शामिल हैं।