सरकारी बैंकों ने खत्म किया 81,683 करोड़ का बैड लोन

Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Aug, 2017 11:09 AM

government loans over rs 81 683 crore bad loans

नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एन.पी.ए.) से परेशान सरकारी बैंकों ने अपने बैड लोन को खत्म कर दिया है।

नई दिल्ली: नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एन.पी.ए.) से परेशान सरकारी बैंकों ने अपने बैड लोन को खत्म कर दिया है। इस लोन की राशि 81,683 करोड़ रुपए है। पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले इस वर्ष इसमें 41 फीसदी की बढ़ौतरी हुई है। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किए गए डाटा के अनुसार पिछले वित्त वर्ष में यह 57,586 करोड़ रुपए रहा था।

5 सालों की सबसे बड़ी अमाऊंट
डाटा के अनुसार पिछले 5 सालों में यह अब तक की सबसे बड़ी अमाऊंट है जिसको बैंकों ने राइट ऑफ  किया है। वहीं बैंकों के प्रॉफिट पर भी असर पड़ा है। इस वित्त वर्ष में बैंकों का लाभ 474 करोड़ रुपए रहा। बैंक पिछले 5 सालों में कुल मिलाकर 2.46 लाख रुपए का बैड लोन माफ  कर चुके हैं।

वित्त मंत्रालय ने उठाए कई कदम
एन.पी.ए. खातों को रोकने के लिए वित्त मंत्रालय की तरफ  से पिछले 2-3 सालों दौरान कई कदम उठाए गए हैं, जिनमें बैंकों को कहा गया है कि वे कर्ज वसूली की तरफ  ध्यान देने और एसोसिएट बैंकों को उनके पेरैंट बैंकों में विलीन करने के कदम उठाएं। पिछले वर्ष सरकार ने इनसॉल्वैंसी एंड बैंकरमनी कोड (आई.बी.सी.) एक्ट बनाया था और इस वर्ष आर.बी.आई. को अधिकार दिए गए हैं कि वह बैंकों को हिदायत करे कि कर्ज डिफाल्टरों के विरुद्ध इनसॉल्वैंसी प्रक्रिया आरंभ करें। आर.बी.आई. ने हाल ही में बैंकों को 12 बड़े एन.पी.ए. मामलों विरुद्ध आई.बी.सी. अधीन कार्रवाई करने बारे हिदायतें दी हैं। ये 12 वे कंपनियां हैं जिनको आर.बी.आई. के निर्देश अधीन एन.सी.एल.टी. का नाम दिया गया है जैसे ज्योति स्ट्रक्चर, भूषण स्टील, मोनैट इस्पात और इलैक्ट्रोस्टील स्टील्ज, अमटेक ऑटो और इरा इन्फ्रा इंजीनियरिंग आदि शामिल हैं। 12 बड़ी कंपनियों के अलावा एन.पी.ए. मामलों के सम्बन्ध में आर.बी.आई. की एक समिति ने बैंकों को सुझाव दिया है कि वे आई.बी.सी. अधीन इनसॉल्वैंसी मुकद्दमा दायर करें।

ग्राहकों को उठाना पड़ रहा डूबे कर्ज का खमियाजा
बैंकों के डूबे कर्ज का खमियाजा ग्राहकों को उठाना पड़ रहा है। जहां नवम्बर 2016 में नोटबंदी लागू होने के बाद बैंकों द्वारा मिलने वाली कई मुफ्त सेवाओं पर चार्ज लगा दिया गया था, वहीं जुलाई से लागू जी.एस.टी. ने इन चार्जेस पर टैक्स लगाकर आम आदमी के लिए बैंकिंग सेवा को महंगा कर दिया। अब बैंक में पैसा रखने पर ग्राहकों को मिलने वाले ब्याज की दर में भी कटौती कर बैंकों ने अपनी कमाई बढ़ा ली है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!