Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Feb, 2018 11:20 AM
केन्द्रीय वित्त सचिव हसमुख अधिया ने माल एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) को लेकर कहा है कि जब प्रौद्योगिकी के अधार पर आप कर प्रणाली बनाएंगे तब कोई भी व्यक्ति कर चोरी नहीं कर पाएगा। अधिया ने जी.एस.टी. कर प्रणाली को लेकर राज्य स्तरीय परिचर्चा के दौरान कहा कि...
रायपुरः केन्द्रीय वित्त सचिव हसमुख अधिया ने माल एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) को लेकर कहा है कि जब प्रौद्योगिकी के अधार पर आप कर प्रणाली बनाएंगे तब कोई भी व्यक्ति कर चोरी नहीं कर पाएगा। अधिया ने जी.एस.टी. कर प्रणाली को लेकर राज्य स्तरीय परिचर्चा के दौरान कहा कि कोई भी कारोबारी कर से बचना नहीं चाहता है। वह स्वयं कर देना चाहता है लेकिन उनके अनुसार मुख्य रूप से 3 बातों को ध्यान में रखा जाना चाहिए। कर की गणना सरल तरीके से होनी चाहिए। कर वाजिब होना चाहिए, अन्यथा कर चोरी की संभावना बढ़ जाती है। तीसरी बात कि प्रामाणिक व्यापारियों को संरक्षण मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि जी.एस.टी. प्रणाली पूरी तरह आईटी अधारित है। हम उसे प्रौद्योगिकी की मदद से पुख्ता बनाना चाहते हैं। जब प्रौद्योगिकी के अधार पर कर प्रणाली बनाएंगे तब कोई भी व्यक्ति चोरी नहीं कर पाएगा। हम सरलीकरण की दिशा में भी प्रयास कर रहे हैं।
अधिया ने जी.एस.टी. की कामयाबी के लिए व्यापारियों को श्रेय दिया, जिन्होंने बड़ी उदारता के साथ इस कर प्रणाली को अपनाया है। उन्होंने कहा कि इसे लागू करने को लेकर शुरू में काफी असमंजस और घबराहट थी। धीरे-धीरे परेशानियां दूर होती गईं और कर प्रणाली में सरलता आती गई। उन्होंने कहा कि जी.एस.टी. को लागू हुए करीब 8 महीने हो गए हैं और अब आमतौर पर इसे स्वीकार कर लिया गया है।
अधिया ने बताया कि जी.एस.टी. लागू होने के बाद राज्य को होने वाला नुकसान लगातार कम हो रहा है। शुरूआत में यह 49 फीसदी था जो कि घटकर अब 29 फीसदी हो गया है। उन्होंने कहा कि बार-बार बदलाव होने को लेकर भी बात की जाती है लेकिन यदि किसी नियम में सुविधा के लिए बदलाव आवश्यक है तब वह बुरी बात नहीं है। इस दौरान राज्य के वाणिज्यिक कर मंत्री और जी.एस.टी. परिषद के सदस्य अमर अग्रवाल ने कहा कि जी.एस.टी. का लागू होना हमारे देश के लिए सहकारी संघवाद का बढिय़ा उदाहरण है।