Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jul, 2017 10:42 AM
संसद के मानसून सत्र की शुरूआत हो चुकी है। इस सत्र में भी सरकार कई अहम विधेयकों को पारित करवाने ...
नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र की शुरूआत हो चुकी है। इस सत्र में भी सरकार कई अहम विधेयकों को पारित करवाने की कोशिश करेगी। इनमें से एक ग्रैच्युटी एक्ट में संशोधन भी है। इसके तहत सरकार ग्रैच्युटी पर टैक्स छूट को दोगुना कर सकती है। अब तक 10 लाख रुपए से अधिक राशि की ग्रैच्युटी पर टैक्स लगता रहा है लेकिन अब ग्रैच्युटी पर छूट की सीमा को 20 लाख रुपए तक करने की तैयारी है। कैबिनेट ने इस साल 15 मार्च को ही इस फैसले को मंजूरी दी थी।
रिटायरमैंट के बाद मिलती है ग्रैच्युटी
रिटायरमैंट के बाद नियोक्ता की ओर से कर्मचारी को ग्रैच्युटी की रकम दी जाती है। इसके अलावा कम्पनियां 5 साल या उससे अधिक समय तक नौकरी करने पर भी कर्मचारियों को यह लाभ देती हैं। मौजूदा पेमैंट ऑफ ग्रैच्युटी एक्ट, 1972 के तहत सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाली ग्रैच्युटी की राशि पर टैक्स में छूट मिलती है यानि सरकारी कर्मचारियों को ग्रैच्युटी पर कोई टैक्स नहीं देना होता। दूसरी तरफ गैर-सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमैंट पर मिलने वाली ग्रैच्युटी की 10 लाख रुपए तक की राशि पर कोई टैक्स नहीं लगता है लेकिन इसके बाद टैक्स चुकाना होता है।
इन संस्थानों पर लागू है नियम
10 या उससे अधिक कर्मचारियों की संख्या वाले संस्थानों पर ग्रैच्युटी ऐक्ट लागू होता है। इस ऐक्ट के तहत यदि कोई संस्थान इस ऐक्ट के दायरे में एक बार आ जाता है तो कर्मचारियों की संख्या 10 से कम होने पर भी उस पर यह नियम लागू रहता है। यदि कोई संस्थान इसके अंतर्गत नहीं है तो वह अपने कर्मचारियों को एक्सग्रेशिया पेमेंट कर सकता है। ऐक्ट के तहत कोई भी कर्मचारी लगातार 5 साल या फिर उससे अधिक वक्त तक संस्थान में काम करता है, तभी वह ग्रैच्युटी का हकदार है। हालांकि बीमारी, दुर्घटना, लेऑफ, स्ट्राइक या लॉकआउट की स्थिति में आए व्यवधान को इसमें नहीं जोड़ा जाता।