Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Dec, 2017 05:42 PM
सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुनर्पूंजीकरण की तैयारी कर रही है। उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सी.आई.आई.) का मानना है कि सरकार को अगले 3 साल में सरकारी बैंकों में अपनी हिस्सेदारी घटाकर 33 प्रतिशत पर लानी चाहिए। उद्योग मंडल ने बयान में...
नई दिल्लीः सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुनर्पूंजीकरण की तैयारी कर रही है। उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सी.आई.आई.) का मानना है कि सरकार को अगले 3 साल में सरकारी बैंकों में अपनी हिस्सेदारी घटाकर 33 प्रतिशत पर लानी चाहिए। उद्योग मंडल ने बयान में कहा, ‘‘अगले 2-3 साल में सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अपनी हिस्सेदारी घटाकर 33 प्रतिशत पर लानी चाहिए। प्राथमिकता वाली जरूरतों को पूरा करने के लिए वह भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में अधिक हिस्सेदारी रख सकती है। यह हिस्सेदारी बिक्री इक्विटी शेयरों के बजाय तरजीही शेयरों के रूप में होनी चाहिए , जिससे मतदान का प्रमुख अधिकार सरकार के पास कायम रहे।’’
सी.आई.आई. ने कहा कि अधिक तात्कालिक आधार पर सरकार अपनी हिस्सेदारी को घटाकर 52 प्रतिशत पर लाने और अगले तीन साल में 33 प्रतिशत पर लाने के लिए सार्वजनिक निर्गम का सहारा ले सकती है। फिलहाल सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सरकार की प्रमुख हिस्सेदारी है। सरकारी बैंकों में सरकार की न्यूनतम हिस्सेदारी 58 प्रतिशत है। इसे अब 52 प्रतिशत पर लाने की छूट दी गई है।