Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Feb, 2018 10:27 AM
सरकार ने कहा कि वह कृषि ऊपज की अधिक पैदावार की स्थिति में जल्दी खराब होने की संभावना वाले टमाटर, आलू और प्याज जैसे कृषि जिंसों के प्रसंस्करण को प्रोत्साहित करने तथा इन जिंसों की कमी की स्थिति के दौरान इनकी आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इस...
नई दिल्लीः सरकार ने कहा कि वह कृषि ऊपज की अधिक पैदावार की स्थिति में जल्दी खराब होने की संभावना वाले टमाटर, आलू और प्याज जैसे कृषि जिंसों के प्रसंस्करण को प्रोत्साहित करने तथा इन जिंसों की कमी की स्थिति के दौरान इनकी आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इस बार के बजट में घोषित नई योजना ‘आपरेशन ग्रीन’ के बारे में अगले सप्ताह होने वाली बैठक में अंशधारकों के साथ विचार विमर्श करेगी।
खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने संवाददाताओं से कहा कि इस नई योजना की रूपरेखा को विभिन्न अंशधारकों के साथ विचार विमर्श की एक लंबी प्रक्रिया के बाद अंतिम रूप दिया जाएगा। बादल ने कहा, ‘‘हम आलू, प्याज और टमाटर के उत्पादन को बढ़ाने के लिए सहायता देने के बारे में भी सोच सकते हैं। हम आपूर्ति श्रृंखला को अच्छी तरह से परस्पर संबद्ध करने तथा आलू, प्याज और टमाटर के प्राकृतिक संरक्षण के लिए उपयुक्त आधारभूत ढांचा निर्मित करने की ओर भी ध्यान दे रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए 500 करोड़ रुपए की धनराशि निर्धारित की गई है। योजना के तहत कृषि उपष्कर प्रसंस्करण सुविधाओं एवं पेशेवर प्रबंधन को प्रोत्साहित किया जाएगा।
खाद्य प्रसंस्करण सचिव जे पी मीना ने कहा कि इस योजना के मूल तत्वों के ज्यादा से ज्यादा अप्रैल के अंत तक तैयार हो जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि देश भर में सब्जी उत्पादन संकुलों का मानचित्रण कर लिया गया है और वहां खेत खलिहान से लेकर बाजार के बीच मूल्यवर्धन की कडिय़ों की आवश्यकता को पूरा करने की जरूरत है ताकि किसानों की उत्पादक इकाइयां (एफपीओ) उसका फायदा उठा सकें। आपरेशन ग्रीन वर्ष 1966 में शुरु किए गए आपरेशन फ्लड की समान ही है। आपरेशन फ्लड सरकार का सबसे बड़ा डेयरी विकास कार्यक्रम था।