Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Jun, 2017 04:14 PM
सरकार ने खाद्य कानून के तहत राशन की दुकानों के जरिये बेचे जाने वाले अनाज का मूल्य एक साल और नहीं बढ़ाने का फैसला किया है
नई दिल्ली: सरकार ने खाद्य कानून के तहत राशन की दुकानों के जरिये बेचे जाने वाले अनाज का मूल्य एक साल और नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। पूर्व संप्रग शासन के दौरान वर्ष 2013 में पारित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत अनाज के दाम में हर तीन साल बाद समीक्षा का प्रावधान है। फिलहाल इस कानून के तहत सरकार देश में 81 करोड़ लोगों को एक से तीन रपये किलो के भाव पर अनाज उपलब्ध करा रही है। इससे सरकारी खजाने पर सालाना 1.4 लाख करोड़ रुफए का बोझ पड़ रहा है।
खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने ट्विटर पर लिखा है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनएफएसए के तहत एक और वर्ष के लिये खाद्यान्न की कीमत नहीं बढ़ाने का एेतिहासिक फैसला किया है। उन्होंने लिखा है कि कीमत नहीं बढ़ाने का फैसला करके सरकार ने वंचित वर्ग की बेहतरी के लिये प्रतिबद्धता दिखायी है। सरकार देशभर में फैली पांच लाख राशन की दुकानों के जरिये हर महीने प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज सस्ती दर पर आपूर्ति कर रही है। इसके तहत चावल तीन रपये किलो, गेहूं दो रपये तथा मोटा अनाज एक रपये किलो पर उपलब्ध कराये जा रहे हैं। खाद्य सुरक्षा कानून नवंबर 2016 से देशभर में लागू किया गया है।