15 साल पहले बंद की गई सोने की खान को पुनर्जीवित करेगी सरकार

Edited By ,Updated: 27 Jan, 2017 02:52 PM

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सोना भारत में लोगों के लिए घरेलू बचत का मुख्य रास्ता है

नई दिल्लीः सोना भारत में लोगों के लिए घरेलू बचत का मुख्य रास्ता है जिसमें एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लाखों लोग निवेश करते हैं। इंसान और भगवान दोनों को गिफ्ट देने के लिए सोने की जूलरी को सर्वोत्तम माना जाता है। आपको बता दें कि सरकार कॉलोनियल एरा (औपनिवेशिक युग) के सोने की खदानों के एक समूह को पुनर्जीवित करने की योजना बना रही है, जिन्हें 15 सालों के लिए बंद कर दिया गया था। इन खानों में करीब 120 अरब रुपए का डिपॉजिट्स बचा है। दरअसल, भारत सरकार सोने के आयात को कम से कम करना चाहती है। भारत दुनिया में चीन के बाद सोने का दूसरा सबसे बड़ा आयातक है।

अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार सरकार द्वारा संचालित मिनरल एक्सपलोरेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने डिपॉजिट्स के सही आकलन के लिए कर्नाटक के कोलार गोल्ड फील्ड्स की स्टडी शुरू कर दी है। पहले कोलार गोल्ड फील्ड्स का नियंत्रण भारत गोल्ड माइंस लिमिटेड के पास था। सरकार ने एसबीआई कैपिटल्स को इसकी स्टडी का काम सौंपा है, जो यह भी पता लगाएगा कि वर्करों और अथॉरिटीज का कंपनी पर कितना बकाया है। यह जानकारी इस प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों ने दी है।

फेडरल माइंस मिनिस्ट्री में तैनात वरिष्ठ अधिकारी बलविंदर कुमार ने बताया कि कोलार माइंस के चालू होने से सरकार को अपने आयात बिल में कटौती करने में काफी मदद मिलेगी। भारत हर साल करीब 900 से 1000 टन सोने का आयात करता है। सोने का घरेलू उत्पादन बहुत कम 2 से 3 टन प्रति वर्ष है।

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