नोटबंदी के बाद सोने के आयात में भारी गिरावट

Edited By ,Updated: 13 Mar, 2017 05:08 PM

great in gold imports after notbandi

गत वर्ष नवंबर में नोटबंदी की घोषणा के बाद सोने के आयात में आया अप्रत्याशित उछाल अगले माह दिसंबर में अपनी तेजी बरकरार नहीं रख पाया..

नई दिल्लीः गत वर्ष नवंबर में नोटबंदी की घोषणा के बाद सोने के आयात में आया अप्रत्याशित उछाल अगले माह दिसंबर में अपनी तेजी बरकरार नहीं रख पाया और इसका आयात नवंबर 2016 की तुलना में 50 फीसदी से अधिक घट गया। नोटबंदी के प्रभाव के बारे में रिजर्व बैंक के प्रारंभिक विश्लेषण के मुताबिक गत वर्ष नोटबंदी की घोषणा से पहले अक्टूबर 2016 में सोने के आयात सितंबर 2016 के 50.5 टन की तुलना में दोगुना होकर 9.7 टन हो गया था। इसमें 3.5 अरब डॉलर की भारी भरकम राशि का भुगतान किया गया था।

आठ नवंबर को हुई नोटबंदी की घोषणा से सोने का आयात अचानक बढ़कर 119.2 टन हो गया और इसके लिए 4.4 अरब डॉलर खर्च किए गए। दिसंबर 2016 में पीली धातु का आयात आधे से अधिक घटकर 54.1 टन रह गया और इसके लिए महज 1 अरब डॉलर खर्च हुए। इस साल जनवरी में 53.2 टन सोने के आयात का अनुमान है। घरेलू बाजार में वैवाहिक सीजन होने के कारण गत वित्त वर्ष में भी नवंबर तथा दिसंबर में सोने के आयात में तेजी रही थी लेकिन चालू वित्त वर्ष में ऐसा नहीं हुआ और दिसंबर में इसके आयात में जबरदस्त गिरावट दर्ज देखी गई।

केंद्रीय बैंक के अनुसार नोटबंदी के बाद सोने की घरेलू मांग बड़ी तेजी से बढ़ी। रिपोर्ट के अनुसार कालेधन तथा प्रचलन से बाहर किए गए 500 और 1,000 रुपए के पुराने नोटों को भुनाने के लिए लोग मुंह-मांगी कीमत देकर सोने की खरीद कर रहे थे। हालांकि, नोटबंदी के बाद नकदी की किल्लत ने वैवाहिक सीजन में भी सोने की जेवराती मांग को घटा दिया। दरअसल भारत में 80 फीसदी बहुमूल्य धातुओं तथा सोने की खरीदारी नकद भुगतान से की जाती है और ऐसे में नकदी की समस्या ने उपभोक्ता मांग को खासा नुकसान पहुंचाया। देश में गत वर्ष सोने का आयात काफी घटकर 661 टन रह गया जो, गत दस साल के औसत से भी कम है। वर्ष 2015 में कुल 1,047 टन सोने का आयात किया गया था। 

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