Edited By ,Updated: 04 Nov, 2016 11:55 AM
गुड्स और सर्विस टैक्स (जी.एस.टी.) के लिए सरकार ने नए स्लैब रेट तय कर दिए हैं। इसके तहत गोल्ड पर 5 फीसदी टैक्स लगाया सकता है। कारोबारियों के अनुसार अगर ऐसा होता है तो ज्वैलरी महंगी हो सकती है। अभी गोल्ड ज्वैलरी पर 1 फीसदी वैट देना पड़ता है।
नई दिल्लीः गुड्स और सर्विस टैक्स (जी.एस.टी.) के लिए सरकार ने नए स्लैब रेट तय कर दिए हैं। इसके तहत गोल्ड पर 5 फीसदी टैक्स लगाया सकता है। कारोबारियों के अनुसार अगर ऐसा होता है तो ज्वैलरी महंगी हो सकती है। अभी गोल्ड ज्वैलरी पर 1 फीसदी वैट देना पड़ता है। गुरूवार को जी.एस.टी. काउंसिल की मीटिंग में गोल्ड पर जी.एस.टी. रेट रेवेन्यू शेयरिंग के आधार पर तय करने का फैसला लिया गया है।
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ज्वैलरी हो सकती है महंगी
ज्वैलर्स एसोसिसएशन के मुताबिक न्यूनतम जी.एस.टी. रेट गोल्ड और डायमंड पर 5 फीसदी लगने से ज्वैलरी महंगी हो सकती है। अगर सरकार न्यूनतम स्लैब रेट 5 फीसदी गोल्ड पर लगाती है, तो इससे ज्वैलरी महंगी हो जाएगी। दिल्ली की ज्वैलरी मार्कीट दरीबा के ज्वैलर योगराज गुप्ता ने कहा कि सरकार के न्यूनतम दर का सीधा असर डिमांड, गोल्ड इन्वेस्टमेंट और ग्राहकों की जेब पर पड़ेगा।
सरकार क्यों करना चाहती है रेवेन्यू शेयरिंग
अभी सरकार ये देखना चाहती है कि गोल्ड ज्वैलरी पर राज्यों की कितनी कमाई होती है। उसके आधार पर सरकार रेट तय करना चाहती है। सरकार अभी एक जी.एस.टी. रेट ज्वैलरी पर तय नहीं करना चाहती। सरकार पहले गोल्ड ज्वैलरी के रेट और शेयरिंग पर पड़ने वाले असर को देखना चाहती है। केंद्र सरकार जी.एस.टी. 1 अप्रैल 2017 तक लागू करना चाहती है।