Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Jun, 2017 02:14 PM
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद द्वारा वस्त्र उद्योग को सभी इनपुट क्रेडिट मुहैया कराने से आयातित परिधान घरेलू के मुकाबले 5-6
नई दिल्लीः वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद द्वारा वस्त्र उद्योग को सभी इनपुट क्रेडिट मुहैया कराने से आयातित परिधान घरेलू के मुकाबले 5-6 फीसदी सस्ता बने रहने की संभावना है। टेक्सटाइल उत्पादों के आयात को कपास पर 6 फीसदी और पॉलिएस्टर पर 12.5 फीसदी के मौजूदा उत्पाद शुल्क के समान काउंटरवेलिंग ड्ïयूटी (सीवीडी) के अधीन रखा गया है।
यह सीवीडी हालांकि उस स्थिति में 2 फीसदी की सपाट दर पर वैकल्पिक था जब आयातक ने उत्पादन लागत के संदर्भ में दावा नहीं किया हो। सरकार ने इस वैकल्पिक सपाट शुल्क दर पर 40 फीसदी की रियायत मुहैया कराई है। यह दर 0.80 फीसदी के आसपास है। इसका मतलब है कि कुल लागू कर मौजूदा समय में उन आयातकों के लिए 1.2 फीसदी है जो दावा नहीं करते हैं। इसके अलावा आयातक किसी शुल्क सुरक्षा के बगैर 4 फीसदी का विशेष अतिरिक्त शुल्क (एसएडी) चुका रहे थे, जो कर और शिक्षा उपकर के समायोजन के बाद 5 फीसदी से अधिक बैठता है।
टेक्सटाइल मंत्रालय में सचिव अनंत कुमार सिंह ने कहा, 'हमारा लक्ष्य वस्त्र निर्यात बढ़ाना और विभिन्न पहल के जरिये प्रतिस्पर्धी परिवेश तैयार करना है और यह इस दिशा में हमारे द्वारा उठाया गया पहला कदम है। हम चाहते हैं कि उद्योग कंपनियों को अपने उत्पाद प्रत्यक्ष रूप से प्रदर्शित करने में राज्य सरकारें मदद करने के लिए भविष्य में इस तरह की अन्य पहल के लिए आगे आएं।