Edited By ,Updated: 29 Apr, 2017 12:23 PM
जी.एस.टी. यानी गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स 1 जुलाई से लागू होना है, लेकिन इससे पहले खुदरा व्यापारियों में आशंका का माहौल है।
नई दिल्ली: जी.एस.टी. यानी गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स 1 जुलाई से लागू होना है, लेकिन इससे पहले खुदरा व्यापारियों में आशंका का माहौल है। छोटे रिटेलर्स और होलसेल में सामान बेचने वालों ने कंपनियों से सामान की खरीदी कम कर दी है। इन्हें आशंका है कि 1 जुलाई तक सामान नहीं बिका तो नया टैक्स लागू हो जाएगा और उन्हें घाटा उठाना पड़ेगा। माना जा रहा है कि ऐसा ही चला तो बाजार में जरूरी चीजों की कमी आ सकती है।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये छोटे रिटेलर्स और होलसेलर्स अभी खरीदे जा रहे सामान पर वेल्यू-एडेड टैक्स, एक्साइज ड्यूटी और अन्य चार्ज दे रहे हैं। हालांकि केंद्र सरकार सेंट्रल जीएसटी के रूप में विक्रेता को 40 फीसदी की राहत देगी, लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक, इसके बावजूद उन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा। मालूम हो, जीएसटी के कुल हिस्से में आधा केंद्र सरकार तो शेष आधार राज्य सरकार का हिस्सा है