GST: मार्बल कर के कारण कारोबारी है दुविधा में, राहत के संग आफत भी

Edited By ,Updated: 24 May, 2017 01:05 PM

gst  merchant tax due to tax is in business  distress with relief

वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) में मार्बल पर उच्च दर 28 फीसदी के हिसाब से कर लगाया जाएगा

नई दिल्लीः वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) में मार्बल पर उच्च दर 28 फीसदी के हिसाब से कर लगाया जाएगा। इससे दिल्ली के मार्बल कारोबारियों पर कर का बोझ दो से पांच गुना बढ़ सकता है। हालांकि देश भर में एक समान कर दर होने से दिल्ली के कारोबारियों को थोड़ी राहत भी मिल सकती है क्योंकि दिल्ली में कुछ मार्बल उत्पादों पर राजस्थान के मुकाबले वैट ज्यादा होने से ग्राहक दिल्ली से माल न खरीदकर राजस्थान से खरीद करते हैं।

दिल्ली मार्बल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप भारद्वाज ने कहा कि पिछले साल दिल्ली के बजट में मार्बल पर वैट घटने से काफी मार्बल पर 5 फीसदी कर लगता है। ऐसे में मार्बल पर 28 फीसदी जी.एस.टी. से कर बोझ 5 गुना से अधिक बढ़ेगा। ग्रेनाइट व कुछ स्टोन पर 12.5 फीसदी वैट के हिसाब से भी कर बोझ दोगुने से अधिक बढ़ेगा। हालांकि ग्रेनाइट व स्टोन पर इस साल वैट तो घटा है लेकिन इसकी अधिसूचना जारी न होने से यह लागू नहीं हो सका।

कर असमानता के सवाल पर भारद्वाज कहते हैं कि पिछले साल से पहले तक दिल्ली में 12.5 फीसदी व प्रमुख मार्बल केंद्र राजस्थान में 5 फीसदी वैट होने से दिल्ली-एनसीआर के मार्बल खरीदार राजस्थान से माल मंगाने को तवज्जो देते रहे हैं। लेकिन अब एक समान कर से कर असमानता दूर होने से पहले की तुलना में ग्राहक बढ़ने की संभावना है।

दक्षिण दिल्ली मार्बल डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश राठी कहते हैं कि कर असमानता दूर होने से थोड़ी राहत संभव है। लेकिन कर 5 गुना तक बढऩे से बिक्री घटने का खटका है। भारद्वाज ने कहा कि मार्बल कारोबारी दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया से मिलकर मार्बल को 12 फीसदी दायरे में रखने की मांग करेंगे।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!