GST: फैसले से टूरिज्म इंडस्ट्री नाराज, कहां 20 प्रतिशत नौकरियां खतरे में

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Nov, 2017 10:43 AM

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शुक्रवार को जी.एस.टी. काऊंसिल के फैसले से टूरिज्म इंडस्ट्री निराश है। उसके अनुसार काऊंसिल ने ऐसे कोई बड़े फैसले नहीं किए हैं जिससे सुस्ती से जूझ रही इंडस्ट्री को बूस्ट मिले। इंडस्ट्री के अुनसार टूरिज्म सैक्टर में 20 प्रतिशत से ज्यादा नौकरियां खतरे...

नई दिल्ली: शुक्रवार को जी.एस.टी. काऊंसिल के फैसले से टूरिज्म इंडस्ट्री निराश है। उसके अनुसार काऊंसिल ने ऐसे कोई बड़े फैसले नहीं किए हैं जिससे सुस्ती से जूझ रही इंडस्ट्री को बूस्ट मिले। इंडस्ट्री के अुनसार टूरिज्म सैक्टर में 20 प्रतिशत से ज्यादा नौकरियां खतरे में हैं। इस फैसले से इन पर सीधा नैगेटिव इम्पैक्ट होगा।

टूरिज्म सैक्टर को नहीं मिली राहत
इंडियन एसोसिएशन ऑफ  टूर ऑप्रेटर (आई.ए.टी.ओ.) के प्रैसीडैंट प्रणब सरकार ने बताया कि सरकार ने टूरिज्म सैक्टर को कोई बड़ी राहत नहीं दी है। सरकार ने 7500 रुपए से ज्यादा रैंट वाले होटलों पर आई.टी.सी. सहित 18 प्रतिशत टैक्स कर दिया है जो पहले 28 प्रतिशत था। सरकार अब पुराने वाले लैवल पर टैक्स रेट ले आई है। इससे बहुत ज्यादा फर्क नहीं पडऩे वाला है क्योंकि क्रिसमस और नए साल के लिए ज्यादा टैक्स रेट के कारण इंडिया में फाइव स्टार होटल की बुकिंग ज्यादा नहीं हुई है। इससे टूरिज्म सैक्टर को बहुत ज्यादा फायदा होने वाला नहीं है, क्योंकि होटल के टैक्स लगाने के बाद वह पैकेज पर अलग 5 प्रतिशत टैक्स लगाते हैं। पैकेज में सॢवस जुडऩे से टैक्स बढ़ जाता है और इसका नैगेटिव असर पड़ रहा है।

इंडियन टूरिज्म सैक्टर नहीं रहा कम्पीटीटिव
इंडियन टैक्स स्ट्रक्चर पड़ोसी देशों के मुकाबले कम्पीटीटिव नहीं रहा है। बल्क कॉर्पोरेट बुकिंग इंडिया की जगह म्यांमार, थाईलैंड, सिंगापुर, इंडोनेशिया, मलेशिया जैसे पड़ोसी देशों को मिल रही है जहां टैक्स 5 से 10 प्रतिशत की रेंज में है। देश का जटिल टैक्स स्ट्रक्चर और ज्यादा जी.एस.टी. रेट टूरिज्म सैक्टर को नुक्सान पहुंचा रहा है क्योंकि कम्पनियों की बुकिंग कम हो चुकी है।

नाखुश रैस्टोरैंट मालिक
जी.एस.टी. काऊंसिल ने 211 आइटम्स पर टैक्स स्लैब में कमी कर दी है। इसमें सबसे ज्यादा चर्चा रैस्टोरैंट में खाने पर टैक्स में कटौती को लेकर है। अब रैस्टोरैंट में 18 की जगह 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा। दरअसल काऊंसिल का कहना है कि रैस्टोरैंट इनपुट टैक्स क्रैडट (आई.टी.सी.) का बैनिफिट कस्टमर्स को नहीं दे रहे थे, इसलिए इनपुट टैक्स क्रैडिट को वापस ले लिया गया है। वहीं, रेस्तरां मालिक काऊंसिल के इस फैसले से नाखुश हैं।  

10 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं मैन्यू प्राइस
इनपुट टैक्स क्रैडिट के वापस लेने से नाराज कई रैस्टोरैंट के मालिक मैन्यू प्राइस में 10 प्रतिशत तक का इजाफा करने का प्लान कर रहे हैं। अगर ऐसा होता है तो कस्टमर्स को जी.एस.टी. के घटे स्लैब का फायदा नहीं मिल पाएगा। हालांकि जब तक रैस्टोरैंट मालिक ऐसा निर्णय नहीं लेते, तब तक के लिए कस्टमर्स को इसका फायदा मिलेगा।

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