Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Feb, 2018 12:42 PM
राजधानी में बिल्डरों की मनमानी से फ्लैट खरीदार परेशान हैं। सूबे में जी.एस.टी. लागू नहीं है इसके बावजूद फ्लैट खरीदारों से 12 फीसदी जी.एस.टी. वसूला जा रहा है। एक फ्लैैट पर औसतन दो से चार लाख रुपए तक की वसूली की जा रही है।
पटनाः राजधानी में बिल्डरों की मनमानी से फ्लैट खरीदार परेशान हैं। सूबे में जी.एस.टी. लागू नहीं है इसके बावजूद फ्लैट खरीदारों से 12 फीसदी जी.एस.टी. वसूला जा रहा है। एक फ्लैैट पर औसतन दो से चार लाख रुपए तक की वसूली की जा रही है। इससे भी बड़ी बात यह है कि किसी भी फ्लैट खरीदार को जी.एस.टी. वसूली की रसीद नहीं दी जा रही। इसका खुलासा पंजीकरण विभाग में आ रही शिकायतों से हुआ है।
फ्लैट खरीदने वाले जब पंजीकरण कराते समय इसकी शिकायत कर्मचारियों व अधिकारियों से करते हैं तब उन्हें साफ तौर पर समझाया जाता है कि राज्य सरकार फिलहाल बिल्डरों से जी.एस.टी. नहीं वसूल रही है। फ्लैट खरीदने वालों से जी.एस.टी. वसूलने का कोई प्रावधान नहीं है। बिल्डरों का कहना है कि जब राज्य सरकार उनसे जी.एस.टी. वसूलेगी तो वह इतनी मोटी रकम कहां से लाएंगे।
पंजीकरण विभाग से जुड़े एक कर्मचारी नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि प्रतिदिन एक-दो फ्लैट खरीदने वाले ग्राहक बताते हैं कि उनसे जी.एस.टी. के नाम 12 फीसदी टैक्स बिल्डर ले रहे हैं। इसकी रसीद उन्हें नहीं दी जा रही। महत्वपूर्ण बात यह है कि अभी तक कोई भी बिल्डर जी.एस.टी. से पंजीकृत नहीं है। ऐसे में जब वे जी.एस.टी. से पंजीकृत नहीं हैं तो ग्राहकों को रसीद कैसे देंगे।