Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Nov, 2017 08:51 AM
जी.एस.टी. परिषद ने कारोबारियों को राहत प्रदान करते हुए रिटर्न फाइलिंग के नियमों को सरल बनाया। इसके साथ-साथ देरी से रिटर्न फाइलिंग करने पर लगने वाले जुर्माने को भी कम किया गया है। अब, कारोबारियों को मार्च तक सरलीकृत प्रारंभिक जी.एस.टी-3बी रिटर्न...
गुवाहटीः जी.एस.टी. परिषद ने कारोबारियों को राहत प्रदान करते हुए रिटर्न फाइलिंग के नियमों को सरल बनाया। इसके साथ-साथ देरी से रिटर्न फाइलिंग करने पर लगने वाले जुर्माने को भी कम किया गया है। अब, कारोबारियों को मार्च तक सरलीकृत प्रारंभिक जी.एस.टी-3बी रिटर्न दाखिल करना होगा। साथ ही, मार्च 2018 तक बिक्री और खरीदारी के चालान का मासिक मिलान जारी रहेगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली जी.एस.टी. परिषद ने उन व्यवसायों के लिए जी.एस.टी-3बी फॉर्म को सरलीकृत बनाने का निर्णय लिया है, जिन पर शून्य कर देनदारी दायित्व है या चालान में फाइल करने का कोई लेन-देन नहीं है। जी.एस.टी.एन. पोर्टल पर दाखिल होने वाले कारोबारों में से 40 प्रतिशत कारोबारों पर कर देयता शून्य है। इसके साथ ही जी.एस.टी. परिषद ने देरी में रिटर्न दाखिल करने वालों पर लगने वाले जुर्माने को भी कम किया है। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि देरी से जी.एस.टी. दाखिल करने पर शून्य देनदारी वाले करदाताओं पर जुर्माना 200 रुपए से घटाकर 20 रुपए प्रतिदिन किया गया।