Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Feb, 2018 09:24 AM
वर्ष 2017-18 में हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट गिरावट दर्ज कर सकता है। गत 8 महीने से जी.एस.टी. रिफंड अटकने का सीधा असर वर्किंग कैपिटल, लेट शिपिंग और ऑर्डर रद्द होने पर हुआ है, जो अब हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट के आंकड़ों में नजर आ सकता है। एक्सपोर्ट प्रोमोशन...
नई दिल्लीः वर्ष 2017-18 में हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट गिरावट दर्ज कर सकता है। गत 8 महीने से जी.एस.टी. रिफंड अटकने का सीधा असर वर्किंग कैपिटल, लेट शिपिंग और ऑर्डर रद्द होने पर हुआ है, जो अब हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट के आंकड़ों में नजर आ सकता है। एक्सपोर्ट प्रोमोशन काऊंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट (ई.पी.सी.एच.) के मुताबिक जी.एस.टी. रिफंड में देरी और ग्लोबल मार्कीट में कम डिमांड का असर करंट फिस्कल (चालू खाते का घाटा) में 3.5 प्रतिशत की गिरावट के साथ नजर आ सकता है।
3,500 करोड़ रुपए के रिफंड हैं अटके
उन्होंने कहा कि एक्सपोर्टर्स खासकर एस.एस.एम.ई. सैक्टर का 3,500 करोड़ रुपए का रिफंड अटका हुआ है। उन्हें बैंकों से भी लोन नहीं मिल रहा है। एक्सपोर्टर्स सरकार से जी.एस.टी. रिफंड की डैडलाइन तय करने की मांग कर रहे हैं। सरकार बताए कि इस तारीख के बाद रिफंड मिलना शुरू हो जाएगा। एक्सपोर्टर्स रिफंड सबसिडी 3 से बढ़ाकर 5 प्रतिशत करने की मांग कर रहे हैं।
एक्सपोर्ट आंकड़ों पर दिख सकता है असर
ई.पी.सी.एच. के चेयरमैन ओ.पी. प्रह्लादका ने बताया कि एक्सपोर्टर्स को वर्किंग कैपिटल के नहीं होने के कारण कई ऑर्डर रद्द करने पड़े हैं। एक्सपोर्टर्स की शिपिंग एक से दो महीने तक लेट जा रही है। इसका सीधा असर उनके रिपीट ऑर्डर पर पड़ रहा है। वर्ष 2016-17 में हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट 24,500 करोड़ रुपए था। अभी तक मौजूदा वित्त वर्ष का 10 महीने का एक्सपोर्ट करीब 19,862 करोड़ रुपए हुआ है। प्रह्लादका ने कहा कि इसका असर एक्सपोर्ट आंकड़ों पर पड़ सकता है। अभी तक जैसे आंकड़े आ रहे हैं उनसे लगता है कि हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट अपनी पिछली ग्रोथ से 3.5 प्रतिशत गिर सकता है। वर्ष 2016-17 में हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट ने 13 प्रतिशत से अधिक की ग्रोथ दर्ज की थी।