Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Jan, 2018 03:01 PM
सरकार ने माल एवं सेवा कर (GST) के तहत एकीकृत (कम्पोजिशन) योजना का विकल्प चुनने वाले विनिर्माताओं के लिए एक प्रतिशत की निचली GST दर अधिसूचित की है। इसके अलावा इस विकल्प को अपनाने वाले व्यापारियों के लिए भी नियमों को सुगम किया गया है।
नई दिल्लीः सरकार ने माल एवं सेवा कर (GST) के तहत एकीकृत (कम्पोजिशन) योजना का विकल्प चुनने वाले विनिर्माताओं के लिए एक प्रतिशत की निचली GST दर अधिसूचित की है। इसके अलावा इस विकल्प को अपनाने वाले व्यापारियों के लिए भी नियमों को सुगम किया गया है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई वाली जीएसटी परिषद ने नवंबर, 2017 में हुई बैठक में इन बदलावों का फैसला किया था। वित्त मंत्रालय ने अब इन बदलावों को अधिसूचित कर दिया है। अधिसूचना के तहत कम्पोजिशन योजना का विकल्प चुनने वाले विनिर्माताओं को अब एक प्रतिशत जीएसटी देना होगा। पहले यह दर दो प्रतिशत थी। इसके अलावा इस योजना को चुनने वाले व्यापारियों को अपनी करयोग्य आपूर्ति के कारोबार पर एक प्रतिशत की दर से कर देना होगा।
अभी तक उन्हें कुल कारोबार पर यह कर देना होता था। इसमें छूट वाली आपूर्ति मसलन फलों, सब्जियों का कारोबार भी शामिल था। करीब 15 लाख कंपनियों या इकाइयों ने कम्पोजिशन योजना के विकल्प को चुना है। इसमें उन्हें कर का भुगतान रियायती दर पर करने की अनुमति होती है और साथ ही जीएसटी के तहत अनुपालन भी आसान होता है।
कुल 90 लाख कंपनियां जीएसटी के तहत पंजीकृत
कुल 90 लाख कंपनियां या इकाइयां जीएसटी के तहत पंजीकृत हैं। नियमित करदाता को जहां मासिक आधार पर कर देना होता है वहीं कम्पोजिशन योजना को चुनने वाले आपूर्तिकर्ता को सिर्फएक रिटर्न दाखिल करना होता है। उन्हें कर का भुगतान तिमाही आधार पर करना होता है। इसके अलावा कम्पोजिशन करदाता को सामान्य करदाता की तरह विस्तृत रिकार्ड रखने की भी जरूरत नहीं होती। कम्पोजिशन योजना का विकल्प ऐसे विनिर्माताओं, रेस्तरां और व्यापारियों के लिए जिनका कारोबार 1.5 करोड़ रुपए से ज्यादा नहीं है।