GST रिटर्न फाइल के बहाने क्लाइंट बढ़ा रहे बैंक

Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Aug, 2017 09:41 AM

gst returns are enhanced file shed client bank

गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जी.एस.टी.) से बैंकों को कुछ ऐसे फायदे हो रहे हैं जिनके बारे उन्होंने ..

नई दिल्ली: गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जी.एस.टी.) से बैंकों को कुछ ऐसे फायदे हो रहे हैं जिनके बारे उन्होंने सोचा नहीं था। डी.सी.बी., आई.सी.आई.सी.आई. और एक्सिस बैंक सहित कई बैंक कम्पनियों को अपनी वैबसाइट के जरिए उनका मंथली जी.एस.टी. रिटर्न फाइल करने का विकल्प दे रहे हैं। इससे बैंकों का कर्ज की मंजूरी वाला सिस्टम और बेहतर बनेगा। वे रिटर्न फाइल करने वाली कम्पनियों के इनवॉयस और कैश फ्लो पर नजर रख पाएंगे और इन कम्पनियों के सप्लायर्स के रूप में उन्हें नए ग्राहक भी मिल सकते हैं।

इंटरनैट बैंकिंग पर भरोसा करते हैं ग्राहक
बैंकों की यह सर्विस खासतौर पर स्मॉल और मीडिय एंटरप्राइजिज (एस.एम.ई.) के लिए काफी फायदेमंद है, जो जी.एस.टी. को लेकर आशंकित हैं लेकिन इंटरनैट बैंकिंग पर भरोसा करते हैं। डी.सी.बी. बैंक में रिटेल और एस.एम.ई. बैंकिंग के प्रैजीडैंट प्रवीण कुट्टी ने बताया, ‘‘हमारी साइट ग्राहकों को इनवॉयस और अकाऊंट मैचिंग में मदद करती है। जो ग्राहक जी.एस.टी. रिटर्न फाइल करने के लिए हमारी साइट का इस्तेमाल कर रहे हैं, हम उम्मीद करते हैं कि वे आगे चलकर अपना प्राइमरी बैंक अकाऊंट हमारे साथ मैंटेन करेंगे। इससे उन्हें लोन देने की हमारी क्षमता बेहतर होगी क्योंकि हम उनके कैश फ्लो को मॉनीटर कर सकेंगे। इससे हमें उनके सप्लायर्स को भी ग्राहक बनाने में मदद मिलेगी।’’
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डी.सी.बी. के पास 5 लाख ग्राहक हैं जिनमें से 90 पर्सैंट अपना काम-धंधा करते हैं। एक्सिस बैंक ने भी ग्राहकों को अपनी वैबसाइट से रिटर्न फाइल करने की सुविधा दी है। बैंक के चीफ फाइनैंशियल ऑफिसर जयराम श्रीधरन ने बताया, ग्राहकों को रिटर्न फाइल करने के लिए अलग से यह सेवा दे रहे हैं। इससे तभी बढ़ौतरी होगी, जब वे हमारे जरिए रिटर्न फाइल करने को लेकर कंफ्र्टेबल होंगे। अभी यह देखना है कि इससे लोन मंजूर करने में कितनी मदद मिलती है। श्रीधरन ने कहा, ‘‘बैंक जी.एस.टी. रिटर्न फाइल करने की इस सुविधा के बदले ग्राहकों से फीस ले सकते हैं या उनसे कुछ मिनियम बैलेंस मैंटेन करने के लिए कह सकते हैं।’’ उन्होंने बताया कि महीने भर में एक्सिस बैंक अपने नॉन कस्टमर्स को भी यह सेवा ऑफर करने जा रहा है।

हर राज्य में अलग GSTIN
हर राज्य में अलग जी.एस.टी.आई.एन. है। जिन कम्पनियों का अकाऊंट बैलेंस 50,000 रुपए से अधिक है वे कम फीस देकर रिटर्न फाइल कर सकती हैं। एनालिस्टों का कहना है कि बैंक अधिकतम फायदे के लिए नई जी.एस.टी. सर्विस को दूसरी कॉर्पोरेट सर्विस के साथ पैकेज कर सकते हैं। इस बारे में डेलॉयट के पार्टनर एम.एस. मणि ने बताया, ‘‘बैंकों पर लगातार नॉन के.वाई.सी. कंप्लायंट खातों को बंद करने का दबाव होता है। इस सर्विस से हमें ऐसे खातों का पता लगाने में मदद मिलेगी जो कम्पनियां लगातार रिटर्न फाइल करेंगी, वे के.वाई.सी. कंप्लायंट होंगी।’’

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