Edited By ,Updated: 22 May, 2017 11:51 AM
कारोबार में सुस्ती से परेशान दिल्ली के बजट होटल कारोबारियों को वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) से बड़ी राहत मिल सकती है।
नई दिल्लीः कारोबार में सुस्ती से परेशान दिल्ली के बजट होटल कारोबारियों को वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) से बड़ी राहत मिल सकती है। जी.एस.टी. के बाद इन होटलों को अधिक ग्राहक मिल सकते हैं। दरअसल दिल्ली के मुकाबले पड़ोसी राज्यों के कर कम होने के कारण वहां के होटल सस्ते हैं। इससे खासकर समूह में बुकिंग कराने वाले ग्राहक पड़ोसी शहरों के होटलों को तरजीह देते हैं। लेकिन अब जी.एस.टी. के बाद एक समान कर होने से ये दिल्ली के होटलों की ओर रुख कर सकते हैं। जी.एस.टी. से बजट होटल पर कुल कर बोझ में भी भारी कमी आएगी।
होटल के किराए में असमानता होगी दूर
दिल्ली होटल ऐंड रेस्टोरेंट ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप खंडेलवाल ने कहा कि नोएडा, गुड़गांव, फरीदाबाद जैसे शहरों की तुलना में दिल्ली में लग्जरी टैक्स काफी अधिक लगता है। इसलिए समूह में बुकिंग कराने वाले ग्राहक गुड़गांव-नोएडा को तरजीह देते हैं। लेकिन अब जी.एस.टी. में एक समान कर होने से दिल्ली और इन शहरों के होटल किराए में असमानता दूर होगी। लिहाजा जी.एस.टी. दिल्ली के बजट होटलों में कमरों की बुकिंग बढ़ाने में सहायक होगा। दिल्ली होटल महासंघ के अध्यक्ष अरुण गुप्ता कहते हैं कि जी.एस.टी. व्यवस्था में 1,000 से 2,500 रुपए किराए पर 12 फीसदी कर लगेगा और इस किराए की श्रेणी में दिल्ली के ज्यादातर बजट होटल आएंगे। इस समय दिल्ली में 1,500 रुपए तक लग्जरी टैक्स नहीं लगता है। सेवा कर भी 1,000 रुपए किराए के बाद लगता है। इस तरह बजट होटलों को 1,500-2,500 रुपए किराए पर 9 फीसदी सेवा कर और 15 फीसदी लग्जरी टैक्स के साथ कुल 24 फीसदी कर देना होता है।
12 फीसदी देना होगा टैक्स
जी.एस.टी. के तहत यह कर घटकर 12 फीसदी रह जाएगा। जाहिर है जी.एस.टी. से बजट होटलों पर कर की मार कम होगी। जी.एस.टी. प्रणाली में 1,500 रुपए तक होटल के किराए पर अभी के मुकाबले ठहरना थोड़ा महंगा हो सकता है। इसकी वजह यह है कि पहले 1,000 से 1,500 रुपए किराए यानी 500 रुपए पर केवल 9 फीसदी सेवा कर लगता था लेकिन अब 12 फीसदी जी.एस.टी. लगेगा। देश भर में 1,000 रुपए से कम किराया सेवा कर मुक्त और दिल्ली में 1,500 रुपए से कम किराया लग्जरी टैक्स मुक्त है।