Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Jul, 2017 01:39 PM
देश के होटल और यात्रा उद्योग को आशंका है कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने की शुरआती महीनों में कुछ मुद्दे पैदा होंगे।
नई दिल्ली: देश के होटल और यात्रा उद्योग को आशंका है कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने की शुरआती महीनों में कुछ मुद्दे पैदा होंगे। हालांकि इन उद्योगों को उम्मीद है कि उन्हें सरकार का समर्थन मिलेगा और वे इसे लेकर अधिक चिंतित नहीं हैं। ट्रैवल सेवा कंपनियों का कहना है कि जी.एस.टी. के अनुपालन और फाइलिंग में विभिन्न स्तरों पर जटिलताओं की वजह से इसमें अधिक समय लगेगा और ज्यादा मेहनत करनी होगी।
होटल उद्योग का कहना है कि सरकार को सिर्फ एक रात के लिए 10,000 रुपए किराये वाले कमरों को ही सबसे उंची 28 प्रतिशत की कर स्लैब में रखना चाहिए। पश्चिम भारत के होटल एवं रेस्तरां संघ के अध्यक्ष दिलीन दतवानी ने कहा, कि जी.एस.टी के दौरान हमें कुछ मुद्दे आने की संभावना लगती है। विशेषरूप से पहले तीन महीने में हालांकि, हम इसे लेकर अधिक चिंतित नहीं हैं और सरकार इन मुद्दों को हल करने में मदद करेगी।