Edited By ,Updated: 18 Mar, 2017 01:29 PM
जीएसटी के बाद महंगाई की आग ना भड़के इसके लिए सरकार पूरी तरह से तैयारी कर रही है। जीएसटी की दरें रिटेल महंगाई के देखकर ही तय की जाएंगी। इसके अलावा सरकार सर्विस टैक्स को लेकर भी बड़ी
नई दिल्लीः जीएसटी के बाद महंगाई की आग ना भड़के इसके लिए सरकार पूरी तरह से तैयारी कर रही है। जीएसटी की दरें रिटेल महंगाई के देखकर ही तय की जाएंगी। इसके अलावा सरकार सर्विस टैक्स को लेकर भी बड़ी राहत दे सकती है। साथ ही अनाज को जीएसटी के दायरे से बाहर रखने का प्रस्ताव है।
बताया जा रहा है कि सेवाओं पर जीएसटी की दरें सर्विस टैक्स की मौजूदा दरों के बराबर ही रखी जाएंगी। इस तरह, जीएसटी के तहत सर्विस टैक्स की अलग-अलग दरें हो सकती हैं। अलग-अलग सेवाओं के लिए 5 फीसदी, 12 फीसदी और 18 फीसदी की दर से सर्विस टैक्स की दर निर्धारित हो सकती है। किसी भी सेवा के लिए सर्विस टैक्स की दर मौजूदा दर से ज्यादा नहीं होगी।
उदाहरण के तौर पर जैसे अभी एसी रेस्तरां में 6 फीसदी की दर से सर्विस टैक्स और 12 फीसदी की दर से वैट लगता है यानि कुल 18 फीसदी का टैक्स बनता है। जीएसटी लागू होने पर भी यहां 18 फीसदी से ज्यादा टैक्स नहीं होगी।