Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Aug, 2017 05:27 PM
अगर आपने अपना और अपने परिवार का हेल्थ इंश्योरेंस करवा रखा है तो यह खबर आपके लिए...
नई दिल्लीः अगर आपने अपना और अपने परिवार का हेल्थ इंश्योरेंस करवा रखा है तो यह खबर आपके लिए जरुरी है। दिल्ली में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसके बाद अगर इंश्योरेंस कंपनी आपके साथ धोखा करती है तो आप ऐसे एक्शन ले सकते हैं। हाल ही में दिल्ली की जिला उपभोक्ता निवारण फॉरम ने एक दंपति की कंप्लेंट के बाद बीमा कंपनी को 4 लाख का मुआवजा देने का निर्देश दिया है।
कंपनी ने किया धोखा
शिकायतकर्ता सागर अरोड़ा और सुमन अरोड़ा ने आरोप लगाया कि जब सुमन अरोड़ा ने 5 लाख रुपए में अपने दोनों घुटनों का इलाज कराया था तो कंपनी की ओर से इलाज के बाद उन्हें बीमा राशि देने से मना कर दिया गया। उन्होंने दावा किया था कि अस्पताल में भर्ती होने से पहले, अस्पताल में भर्ती होने पर और अस्पताल में भर्ती होने के बाद पूरा खर्च पॉलिसी के तहत मिलेगा। जबकि बीमा कंपनी रॉयल सुंदरम एलायंस इंश्योरेंस के अनुसार, शिकायतकर्ता पहले से ही हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज से पीड़ित था लेकिन पॉलिसी में इस बारे में सूचित नहीं किया गया।
क्या हैं पॉलिसी की शर्तें
पॉलिसी के तहत धाराओं का हवाला देते हुए बीमा कंपनी ने कहा कि किसी भी पूर्व-मौजूदा स्थितियों के संबंध में कंपनी किसी भी दावे के लिए इस पॉलिसी के तहत उत्तरदायी नहीं होगी जब तक कि बीमाकृत राशि के 48 महीने बीत चुके हों। इसमें यह भी कहा गया कि किसी भी बीमारी का खुलासा नहीं करने पर पॉलिसी को रद्द कर दिया जाएगा और प्रीमियम को जब्त कर लिया जाएगा। हालांकि जिला फॉरम ने कहा है कि हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की बीमारी किसी तरह की कल्पना से नहीं, पहले से मौजूद बीमारियों के कारण हो सकती हैं क्योंकि ऐसी बीमारियां आमतौर पर व्यक्ति की जीवनशैली का हिस्सा बन चुकी हैं।
बीमा कंपनी को अब देने होंगे 4 लाख
सेवाओं में कमी बताते हुए यह देखा गया कि शिकायतकर्ता के दावे को अस्वीकार करना अत्यधिक अनुचित और निराधार था। फॉरम की ओर से बीमा कंपनी को अब पॉलिसीधारक को 4 लाख रुपए का भुगतान करने के लिए कहा गया है, जो बीमा की राशि थी। इसके अलावा शिकायतकर्ता को उत्पीड़न, मानसिक पीड़ा, समय बर्बाद करने और मुकदमेबाजी की लागत के लिए 10,000 की राशि दी गई है।