जानिए कैसे, आपकी कार्ड डीटेल्स बन सकती हैं हैकर्स का निशाना?

Edited By ,Updated: 08 Dec, 2016 11:48 AM

how your card details  could become a target for hackers

देश में नोटबंदी के बाद ऑटोमेटेड टेलर मशीनों (ए.टी.एम.) के बाहर भीड़ बढ़ रही है।

नई दिल्लीः देश में नोटबंदी के बाद ऑटोमेटेड टेलर मशीनों (ए.टी.एम.) के बाहर भीड़ बढ़ रही है। हो सकता है कि जब आप एटीएम से रोजमर्रा की जरूरत के लिए कैश निकालें और हैकर्स के शिकार बन जाएं। दरअसल भारत में कुल 2.20 लाख एटीएम में 70% ऐसे हैं, जिनमें माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज एक्सपी का इस्तेमाल हो रहा है। ऐसे में आपके कार्ड डीटेल्स खतरे में हैं क्योंकि इनके लिए माइक्रोसॉफ्ट कोई सिक्यॉरिटी अपडेट या टेक्निकल सपॉर्ट नहीं देता है। माइक्रोसॉफ्ट 8 अप्रैल 2014 से ही ऐसी मदद बंद कर चुका है।

75% एटीएम में हो रहा है अनसपॉर्टेड Windows XP का प्रयोग
एटीएम लगाने वाली कंपनी एनसीआर का कहना है कि अपग्रेड करने का जिम्मा बैंकों पर है। एनसीआर इंडिया के एमडी नवरोज दस्तूर ने कहा, 'विंडोज एक्सपी को विंडोज 7 में अपग्रेड करने का जिम्मा बैंकों पर है। दुनियाभर में ऐसा ही होता है।' सिक्यॉरिटी सॉफ्टवेयर मुहैया कराने वाली कैस्पर्स्की लैब के एमडी अलताफ हालदे ने कहा, 'अनसपॉर्टेड विंडोज एक्सपी सिस्टम्स में हमने मैलवेयर पाए हैं। इंडिया में करीब 75% एटीएम में अनसपॉर्टेड विंडोज एक्सपी का उपयोग हो रहा है।'

विंडोज एक्सपी को माइक्रोसॉफ्ट का कोई सहारा नहीं
8 नवंबर को नोटबंदी के सरकारी ऐलान के बाद जहां लंबी कतारों में लोगों के हौंसले की परीक्षा हो रही है, वहीं एटीएम से जुड़े सिस्टम का भी इम्तिहान हो रहा है। प्राइसवॉटरहाउसकूपर्स के पार्टनर और लीडर (फाइनैंशल टेक्नॉलजीज) विवेक बेलगावी ने कहा, 'एटीएम की प्रतिरोधक क्षमता कम है क्योंकि विंडोज एक्सपी के लिए माइक्रोसॉफ्ट अब कोई सपॉर्ट नहीं देती है। इसका मतलब किसी भी मैलवेयर से निपटने का कोई इंतजाम नहीं है। ऐसे एटीएम को हैकरों के हमले से निपटने के लिए अपग्रेड नहीं किया गया है।'

चेन्नई की कंपनी करती है एटीएम मैनेज
इंडिया में अधिकतर एटीएम बैंकों के नहीं, बल्कि पेमेंट टेक्नॉलजी और सर्विसेज देने वाली कंपनियों के हैं। इनमें फाइनैंशल सॉफ्टवेयर ऐंड सिस्टम्स और एफआईएस ग्लोबल जैसी कंपनियां शामिल हैं। ये कंपनियां एनसीआर और डाइबॉल्ड से मशीनें खरीदती हैं, जो इस बिजनस में दो बड़ी वैश्विक कंपनियां हैं। चेन्नई की एफएसएस आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी और एसबीआई सहित 34 बैंकों की ओर से 40,000 एटीएम को मैनेज करती है। ग्लोबल कंपनी एनसीआर के पास इंडिया में 47% मार्कीट शेयर है और उसके पास यहां 105,000 एटीएम हैं।

7-10 सालों में रिफ्रेश किया जाता है एटीएम  
एफएसएस के प्रेजिडेंट (ट्रांजैक्शन प्रोसेसिंग ऐंड एटीएम सर्विसेज) वी बालासुब्रमण्यन ने कहा, 'भारत में ज्यादातर एटीएम पिछले चार वर्षों में लगाए गए हैं। एटीएम का रिफ्रेश साइकल 7-10 वर्षों का होता है। एटीएम लगाने वाली कंपनियां हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की गारंटी देती हैं, लेकिन अपग्रेड तो करना होगा।' वहीं, माइक्रोसॉफ्ट ने इस संबंध में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

नए एटीएम भी चलाए जा रहे हैं विंडोज 7 पर 
नए एटीएम को विंडोज 7 पर चलाया जा रहा है, न कि लेटेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम विंडोज 10 पर। विंडोज 7 पर सपॉर्ट साल 2020 में खत्म हो जाएगा। एनसीआर इंडिया के दस्तूर ने कहा, 'पिछले दो वर्षों में सभी नए एटीएम विंडोज 7 के साथ लगाए गए हैं। बैंक ऐसे उपाय कर रहे हैं, जिससे किसी भी तरह के जोखिम पर काबू पाया जा सके।' उन्होंने कहा कि आधे एटीएम विंडोज एक्सपी पर चल रहे हैं।
 

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