खाद्य तेल पर आयात शुल्क में भारी बढ़ौतरी, ग्राहकों पर पड़ेगा बोझ

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Nov, 2017 10:15 AM

huge increase in import duty on edible oils  burden on customers

केंद्र सरकार के खाद्य तेल पर आयात शुल्क में भारी बढ़ौतरी की घोषणा से पहले देश के अग्रणी जिंस एक्सचेंजों एनसीडीईएक्स और एमसीएक्स पर कुछ बड़े कारोबारियों ने खाद्य तेल अनुबंधों में बड़ी लिवाली की। खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढ़ाने की घोषणा अगस्त में की...

नई दिल्लीः केंद्र सरकार के खाद्य तेल पर आयात शुल्क में भारी बढ़ौतरी की घोषणा से पहले देश के अग्रणी जिंस एक्सचेंजों एनसीडीईएक्स और एमसीएक्स पर कुछ बड़े कारोबारियों ने खाद्य तेल अनुबंधों में बड़ी लिवाली की। खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढ़ाने की घोषणा अगस्त में की गई थी, लेकिन उससे भी घरेलू बाजार में तिलहनों की कीमतों में गिरावट नहीं थमी। इसकी वजह यह थी कि उसके बाद खाद्य तेल का आयात बढ़ने लगा था। सरकार ने शुक्रवार रात एक अधिसूचना जारी कर सभी तरह के खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में भारी बढ़ौतरी कर दी। सरकार ने कच्चे पाम तेल पर आयात शुल्क 15 फीसदी से बढ़ाकर 30 फीसदी और रिफाइंड पर 25 फीसदी से बढ़ाकर 40 कर दिया है।

रिफाइनरियां जल्द बढ़ा सकती हैं कीमत
अब खाद्य तेल रिफाइनरियां जल्द ही कीमतों में बढ़ौतरी की घोषणा कर सकती हैं। जैसा कि पहले ही जिक्र किया जा चुका है कि कुछ कारोबारियों ने सरकार के फैसले को पहले ही भांप लिया था। शुक्रवार शाम को एनसीडीईएक्स के सबसे बड़े कारोबारियों के पास लॉन्ग से तीन गुनी शॉर्ट पोजिशन थीं, इसलिए पूरा बाजार ही शॉर्ट था।  सोयाबीन के दाम सोमवार को 2 से 2.5 फीसदी बढ़ गए, जिससे शॉर्ट सेलर फंस गए। हालांकि सोया तेल में सबसे बड़े खरीदार के पास 31,940 लॉट की खरीद पोजिशन थी, जबकि सबसे बड़े बिकवाल के पास 6,310 लॉट की पोजिशन थी। इसका मतलब है कि खरीदार कारोबारियों को आयात शुल्क में भारी बढ़ौतरी का पता था।

कच्चे पाम तेल की कीमतों में बढ़ौतरी 
इसी तरह एमसीएक्स पर शीर्ष 10 खरीद पॉजिशन कुल 6,219 लॉट की थीं, जबकि शीर्ष 10 बिकवाल जिशन कुल 6,099 लॉट की थीं। बाजार के जानकारों का कहना है कि एक बड़े कारोबारी ने शुल्क बढ़ने से पहले खरीद पोजिशन बढ़ाईं और अब कीमतों में बढ़ौतरी और इनके ऊंचे बने रहने से वह तगड़ा मुनाफा काट रहा है। एक्सचेंजों पर सोमवार को कच्चे पाम तेल (सीपीओ) और सोया तेल की कीमतें 4 फीसदी के ऊपरी सीमा को छू गईं। वहीं मलेशियन जिंस एक्सचेंज पर सीपीओ वायदा शुक्रवार को करीब 3 फीसदी लुढ़का। इंदौर की थोक मंडियों में बेंचमार्क सोयाबीन के दाम सोमवार को 2,700 रुपए से बढ़कर 2,800 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गए। हालांकि ये अब भी सरकार के 3,050 रुपए के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) से कम हैं। सरकार ने आयात शुल्क में भारी बढ़ौतरी का फैसला इसलिए लिया क्योंकि खाद्य तेल लगातार बढ़ रहा था। देश में तिलहन का भारी उत्पादन हुआ है और किसानों को इनकी अच्छी 
कीमतें नहीं मिल रही हैं। 

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