Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Jan, 2018 09:39 AM
भारतीय बैंक संघ (आई.बी.ए.) ने बैंकों की नि:शुल्क सेवाओं को समाप्त करने को लेकर सोशल मीडिया पर चल रही खबरों को आधारहीन और गलत बताते हुए स्पष्ट किया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की नि:शुल्क सेवाओं में 20 जनवरी से कोई कमी नहीं की जा रही है, बल्कि...
नई दिल्लीः भारतीय बैंक संघ (आई.बी.ए.) ने बैंकों की नि:शुल्क सेवाओं को समाप्त करने को लेकर सोशल मीडिया पर चल रही खबरों को आधारहीन और गलत बताते हुए स्पष्ट किया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की नि:शुल्क सेवाओं में 20 जनवरी से कोई कमी नहीं की जा रही है, बल्कि बैंक व्यावसायिक एवं परिचालन लागत की लगातार समीक्षा करते हैं और मामलों के आधार पर शुल्क तय करते हैं।
सोशल मीडिया में इसे लेकर चल रही अफवाहों का पुरजोर तरीके से खंडन करते हुए आई.बी.ए. ने कहा कि जिस तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं उस तरह से कभी भी नि:शुल्क सेवाओं को पूरी तरह समाप्त नहीं किया जा सकता है और न ही यह अपेक्षित है। आई.बी.ए. ने कहा कि बैंक व्यावसायिक एवं परिचालन लागत की लगातार समीक्षा करते रहते हैं और उसी के आधार पर एक-एक मद के शुल्क भी तय करते हैं।