Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Aug, 2017 07:19 PM
वित्त वर्ष 2018 की पहली तिमाही में आई.डी.बी.आई. बैंक को 853 करोड़ रुपए का घाटा हुआ हैए जबकि वित्त वर्ष 2017
नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2018 की पहली तिमाही में आई.डी.बी.आई. बैंक को 853 करोड़ रुपए का घाटा हुआ हैए जबकि वित्त वर्ष 2017 की पहली तिमाही में आई.डी.बी.आई. बैंक को 241 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था। वित्त वर्ष 2018 की पहली तिमाही में आई.डी.बी.आई.ण् बैंक की ब्याज आय 17.8 फीसदी घटकर 1402 करोड़ रुपए रही है। वित्त वर्ष 2017 की पहली तिमाही में आई.डी.बी.आई. बैंक की ब्याज आय 1706 करोड़ रुपए रही थी।
तिमाही दर तिमाही आधार पर अप्रैल-जून तिमाही में आई.डी.बी.आई. बैंक का ग्रॉस एन.पी.ए. 21.2 फीसदी से बढ़कर 24.1 फीसदी रहा है। तिमाही आधार पर अप्रैल-जून तिमाही में आई.डी.बी.आई. बैंक का नैट एन.पी.ए. 13.21 फीसदी से बढ़कर 15.80 फीसदी रहा है। आई.डी.बी.आई.बैंक के एन.पी.ए. पर नजर डालें तो तिमाही आधार पर पहली तिमाही में ग्रॉस एन.पी.ए. 44,752 करोड़ रुपए से बढ़कर 50,173 करोड़ रुपए रहा है। नेट एन.पी.ए. 25,206 करोड़ रुपए से बढ़कर 29,580 लाख करोड़ रुपए रहा है।
एन.पी.ए. के चलते आर.बी.आई. की निगरानी में है बैंक
फं से कर्ज (एन.पी.ए.) में खतरनाक बढ़ौतरी के बाद आई.डी.बी.आई बैंक को रिजर्व बैंक यानी आर.बी.आई ने अपनी निगरानी में ले लिया था। केंद्रीय बैंक ने सार्वजनिक क्षेत्र के इस बैंक के खिलाफ सुधारात्मक कार्रवाई (पी.सी.ए.) का कदम उठाया है। आर.बी.आई. की निगरानी में आने से अब बैंक पर कर्ज और लाभांश वितरण समेत तमाम मामलों में कई तरह की बंदिशें लग जाएंगी। गौरतलब है कि आई.डी.बी.आई बैंक ने खुद स्टॉक एक्सचेंजों को यह जानकारी दी थी। इससे पहले आर.बी.आई. ने इंडियन ओवरसीज बैंक का ग्रॉस एन.पी.ए. 10 फीसदी पहुंचने पर साल 2015 में ऐसी कार्रवाई की थी।