देश में आदर्श रुप से 5 से 7 बडे बैंक होने चाहिएः सुब्रमणियन

Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Oct, 2017 01:08 PM

ideally  there should be 5 to 7 big banks in the country  subramanian

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का पूंजी आधार मजबूत बनाने के लिए सरकार की तरफ से 2.11 लाख करोड रुपए के पूंजी समर्थन की घोषणा के एक दिन बाद मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने आज बैंकिंग क्षेत्र में सुदृढीकरण और एकीकरण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि...

नई दिल्लीः सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का पूंजी आधार मजबूत बनाने के लिए सरकार की तरफ से 2.11 लाख करोड रुपए के पूंजी समर्थन की घोषणा के एक दिन बाद मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने आज बैंकिंग क्षेत्र में सुदृढीकरण और एकीकरण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि देश में आदर्श रुप से पांच से सात बडे बैंक ही होने चाहिए।

सुब्रमणियन ने कहा कि आने वाले समय के बैंकिंग परिवेश में देश में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में ऐसे बडे़ बैंक होने चाहिए जो घरेलू स्तर पर प्रतिस्पर्धी होने के साथ साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिस्पर्धी हों। उन्होंने चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां चार बड़े बैंक हैं जो कि इस समय दुनिया के बड़े बैंकों में गिने जाते हैं। सुब्रमणियन ने कहा, बडा सवाल आज यह उठ रहा है कि क्या बैंकिंग प्रणाली में निजी क्षेत्र की ज्यादा बहुलांश हिस्सेदारी होनी चाहिए? आज से पाच से दस साल के दौरान भारत के लिये किस तरह का बैंकिंग ढांचा बेहतर होगा।

उन्होंने कहा, आज जबकि सभी बैंकों को न्यूनतम पूंजी पर्याप्तता को बनाये रखना है, ऐसे में एक संभावना यह भी है कि जो बैंक चलाने लायक नहीं है उन्हें उनकी मौजूदा बैलेंस सीट आकार के अनुरुप उनके पूंजी पर्याप्तता अनुपात को पूरा करने के लिए पूंजी उपलब्ध कराई जाये जिसमें उनकी वृद्धि के लिए कोई अलग से प्रावधान शामिल न हो। उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कल एनपीए के बोझ तले दबे बैंकों के पूंजी आधार को मजबूत बनाने के लिये 2.11 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की। 
 

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