GST लागू हुआ तो देना होगा 18 फीसदी सर्विस टैक्सः हसमुख अधिया

Edited By ,Updated: 14 Apr, 2017 09:38 AM

if gst is implemented then 18 will be given service tax

वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) व्यवस्था लागू होने के बाद सेवा क्षेत्र के करों में बढ़ौतरी की संभावना है। वर्तमान में लिया जा ...

नई दिल्ली: वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) व्यवस्था लागू होने के बाद सेवा क्षेत्र के करों में बढ़ौतरी की संभावना है। वर्तमान में लिया जा रहा 15 फीसदी सर्विस टैक्स बढ़कर 18 फीसदी हो जाएगा, जिससे आपकी जेब पर मार पड़ना तय है। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने एक साक्षात्कार में कहा, "हां, सेवा क्षेत्र के लिए करों की मानक दर 18 फीसदी तक बढ़ सकती है।" हालांकि वर्तमान में जिन क्षेत्रों को इससे छूट मिली है वह जारी रह सकती है, जिसमें स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा और कृषि क्षेत्र शामिल हैं। उन्होंने कहा, "वर्तमान में जिन क्षेत्रों को छूट मिली है, हम उन्हें जारी रखने की कोशिश करेंगे। हमने परिषद के समक्ष इसकी सिफारिश की है जो इस पर फैसला करेगी। संभावना है कि वे इसे स्वीकार करेंगे।"

इन लोगों को नहीं देना पड़ेगा सर्विस टैक्स
वर्तमान में सेवा क्षेत्र पर 14 फीसदी कर के साथ दो अलग-अलग सेस, स्वच्छ भारत सेस और कृषि कल्याण सेस, लगाया जाता है जिनकी दरें आधा-आधा फीसदी हैं। इस तरह सेवा क्षेत्र को 15 फीसदी कर चुकाना होता है। अधिया ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि हालांकि जिनकी आय 20 लाख रुपए सालाना से कम है, वे जी.एस.टी. के तहत नहीं आएंगे और उन्हें कोई सर्विस टैक्स नहीं देना होगा। वर्तमान में 10 लाख रुपए से अधिक की आय पर सेवा कर चुकाना होता है।

किसान हो सकते हैं जी.एस.टी. से बाहर
जी.एस.टी. कानून के अंतर्गत किसानों को, जो खुद व परिवारवालों के साथ खेती करते हैं और उनका कारोबार 20 लाख रुपए अधिक है, तो भी उन्हें जी.एस.टी. के अंतर्गत नहीं रखा जाएगा। वर्तमान में रेशम उत्पादन, फूलों की खेती, दुग्ध उत्पादन, बागवानी और मत्स्य पालन में बड़ी संख्या में बाहरी श्रमिकों की सेवाएं ली जाती है। फिलहाल उन्हें सेवा कर से छूट मिली है। क्या जी.एस.टी. में भी उन्हें यह छूट दी जाए या नहीं, इस पर अभी विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "हमने अभी तक छूट की सूची पर फैसला नहीं किया है। इस पर परिषद अलग से विचार करेगी। मैं नहीं समझता कि फिलहाल कृषि से जुड़े किसी क्षेत्र पर कर लगाया जाएगा।"

जी.एस.टी. की दरें
उन्होंने यह भी कहा कि जिन सेवाओं पर फिलहाल 15 फीसदी से कम सेवा कर लगाया जा रहा है, उसे जारी रखने की कोशिश की जाएगी। राजस्व सचिव ने यह भी कहा कि चूंकि पैट्रोल और पैट्रोलियम पदार्थो को जी.एस.टी. के अंतर्गत शून्य शुल्क में रखा गया है, ऐसे में परिवहन पर 5 फीसदी कर लगाया जा सकता है। जी.एस.टी. परिषद ने करों के चार स्लैब तय किए हैं, 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी। इसके अलावा एक शून्य फीसदी का स्लैब भी है। वर्तमान में 60 सेवाओं को सेवा कर से छूट मिली है, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और धार्मिक यात्रा शामिल है।

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