ग्राहकों पर बढ़ता बोझ, डेबिट कार्ड से ट्रांजैक्श न होने पर भी बैंक काट रहे हैं पैसा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Mar, 2018 02:25 PM

if the debit card is not transacted the bank is cutting down money

जहां एक तरफ सरकार डेबिट कार्ड के इस्तेमाल पर जोर दे रही है वहीं दूसरी तरफ बैंक डेबिट कार्ड के इस्तेमाल पर गैर-वाजिब चार्जेस लगा कर ग्राहकों की जेब पर बोझ बढ़ा रहे है। अपने बैंक खाते में पर्याप्त रकम नहीं रहने पर ग्राहक जितनी बार कार्ड से पैसे...

नई दिल्लीः जहां एक तरफ सरकार डेबिट कार्ड के इस्तेमाल पर जोर दे रही है वहीं दूसरी तरफ बैंक डेबिट कार्ड के इस्तेमाल पर गैर-वाजिब चार्जेस लगा कर ग्राहकों की जेब पर बोझ बढ़ा रहे है। अपने बैंक खाते में पर्याप्त रकम नहीं रहने पर ग्राहक जितनी बार कार्ड से पैसे निकालने या पेमेंट करने की कोशिश करता है, उतनी बार 17 से 25 रुपए तक चार्ज कर दिया जाता है।

देश का सबसे बड़ा बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एटीएम पर डेबिट कार्ड स्वाइप करने के बाद ट्रांजैक्शन डिक्लाइन होने पर 17 रुपए वसूलता है। विशेषज्ञों के अनुसार खरीदारी के बाद नकदी रहित भुगतान (नॉन-कैश मर्चेंट ट्रांजैक्शन) के लिए डेबिट कार्ड के इस्तेमाल पर इतने बड़े जुर्माने का कोई मतलब नहीं है।

ट्रांजैक्शन पूरी नहीं होने पर बैंक तब भी वसूली कर रहे हैं जबकि सरकार ने मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) की सीमा तय कर रखी है। एमडीआर वह फीस है जो बैंक भुगतान स्वीकार करने वाले मर्चेंट्स से वसूलते हैं। उधर बैंक एटीएम से फेल ट्रांजेक्शन होने पर चार्ज वसूलने के पीछे वही तर्क देते हैं जो वे चेक बाउंस होने पर चार्ज लेने के पीछे देते है।

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