Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Nov, 2017 02:48 PM
अगर आप नई कार खरीदने का मन बना रहे हैं तो अापके लिए थोड़ी देर रुककर कार खरीदना फायदे का सौदा साबित होगा क्योंकि भारत में जल्द ही पैट्रोल और डीजल कारों का रास्ता साफ होने वाला है। सरकार और कार निर्माता भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाने के लिए तेजी...
नई दिल्लीः अगर आप नई कार खरीदने का मन बना रहे हैं तो अापके लिए थोड़ी देर रुककर कार खरीदना फायदे का सौदा साबित होगा क्योंकि भारत में जल्द ही पैट्रोल और डीजल कारों की जगह इलेक्ट्रिक वाहन चलेंगे। सरकार और कार निर्माता भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। अगले साल तक आप सड़कों पर इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से दौड़ते हुए देखगें और साथ ही में आपको कई चार्जिंग स्टेशन भी देखने को मिलेंगे। इसके कई कारण हैं जिनकी वजह से अभी आपके लिए कार खरीदने का मन बदल लेना और इलेक्ट्रिक कार खरीदने का इंतजार करना ठीक रहेगा।
इलेक्ट्रिक कारों को सरकार दे रही रफ्तार
महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी पहले से ही भारत में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री कर रही है। इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को ज्यादा बढ़ावे की जरुरत होती है। सरकार भी निजी कंपनियों को 10,000 इलेक्ट्रिक कारों का ऑर्डर दे चुकी है। बोली लगाने का पहला चरण पहले से ही खत्म हो चुका है। टाटा मोटर्स 250 कारों की आपूर्ति करेगी जबकि महिंद्रा एंड महिंद्रा पहले चरण में 150 कारों की आपूर्ति करेगी। सरकार के इस ऑर्डर से बाजार को तेजी मिलने की उम्मीद है। राज्य द्वारा संचालित ऊर्जा दक्षता सेवा लिमिटेड (ई.ई.एस.एल.) का कहना है कि उनकी इलेक्ट्रिक वाहनों पर जोर देने के साथ इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग बुनियादी ढांचा बाजार में हिस्सेदारी प्राप्त करने की योजना है।
लगाने होंगे ज्यादा चार्जिंग स्टेशन
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के रास्ते में सबसे बड़ी समस्या बुनियादी ढांचा है। यही कारण है कि महिंद्रा एंड महिंद्रा कड़ी मेहनत के बावजूद कुछ खास नहीं कर सकी। इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए बड़े स्तर के प्रयासों की आवश्यकता होती है। इसके लिए ज्यादा चार्जिंग स्टेशनों के निर्माण की आवश्यकता पड़ेगी। भारत में लगभग 56,000 ईंधन स्टेशन हैं, लेकिन चार्जिंग स्टेशन की गिनती केवल 200 के करीब है। हाल ही में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने नागपुर में पेट्रोल पंप में एक चार्जिंग स्टेशन स्थापित किया है। इसी तरह अगले साल तक चार्जिंग स्टेशनों की गिनती बढ़ेगी।
बड़ी कंपनियां दौड़ में शामिल
जापानी कंपनियां सुजुकी मोटर और टोयोटा मोटर ने भारत में तीन साल के भीतर इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और बिक्री के लिए समझौते को अंतिम रूप दिया है। सुजुकी भारत में स्थानीय इकाई मारुति के माध्यम से हर दो यात्री वाहनों में से एक बेचती है। अगर कंपनी इसी तरह इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री करती रहेगी तो इलेक्ट्रिक वाहन बाजार को बूस्ट मिल सकता है।
होंडा कर रही स्ट्रैटजी तैयार
होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड (एच.सी.आई.एल.) भी भारतीय मार्कीट की जरूरतों के मुताबिक अपनी इलेक्ट्रिक वीइकल स्ट्रैटजी तैयार कर रही है। इसमें कोशिश की जा रही है कि ये कारें सस्ती भी हों और भारतीय ट्रैफिक के मुताबिक मुफीद भी हों। एच.सी.आई.एल. भारत की ट्रैफिक परिस्थितियों के मुताबिक बैटरी ईवी तैयार करने की योजना बना रही है। इनमें इस्तेमाल और ट्रैवलिंग की दूरी जैसी चीजों पर भी गौर किया जा रहा है।' होंडा ग्लोबल लेवल पर चाहती है कि उसकी कुल सेल्स का 65 फीसदी तक हिस्सा इलेक्ट्रिफाइड वाहन से आए।