Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jul, 2017 03:38 PM
किन्हीं कारणों से अचानक पैसे की जरूरत पड़ सकती है। अचानक आ खड़े हुए किसी आवश्यक कार्य....
नई दिल्लीः किन्हीं कारणों से अचानक पैसे की जरूरत पड़ सकती है। अचानक आ खड़े हुए किसी आवश्यक कार्य या किसी हादसे की वजह से इसकी जरूरत पड़ सकती है। यूं तो परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों या मित्रों से उधार लेना सबसे बेहतरीन विकल्प है परंतु कई बार ज्यादा रकम की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे में बेहतरीन विकल्प यही है कि आप अपनी संपत्ति (मकान या भूमि) पर कर्ज लें।
पर्सनल लोन से अधिक रकम मिलती है
बैंक से कर्ज लेने के लिए आप अपने घर या भूमि को गारंटी के तौर पर पेश कर सकते हैं। बैंक संपत्ति की पूरी जांच-पड़ताल करता है, उसका मूल्य आंकता है और इसके मूल्य का 70 फीसदी तक कर्ज देता है। चूंकि यह एक सुरक्षित कर्ज होता है, ऐसे में आपको इस पर पर्सनल लोन जैसे असुरक्षित कर्ज की तुलना में कर्ज के तौर पर ज्यादा रकम मिल सकती है।
निश्चित तौर पर इसके लिए एडमिनिस्ट्रेटिव और प्रोसैसिंग फीस चुकानी होती है, जो अमूमन 0.5 से 1.5 प्रतिशत तक होती है। आमतौर पर इस कर्ज की अवधि 1 से 9 साल तक होती है लेकिन लोन बड़ा हो तो कुछ बैंक इसे बढ़ाकर 15 साल तक कर सकते हैं। इस पर ब्याज की दर 12 से 16 प्रतिशत के बीच होती है जो फ्लोटिंग या फिक्स्ड होता है।
सस्ता कर्ज
इस तरह से यह पर्सनल लोन के मुकाबले काफी सस्ता होता है। पर्सनल लोन में अमूमन 14 से 22 प्रतिशत ब्याज चुकाना होता है। संपत्ति के एवज में कर्ज से सस्ता केवल गृह ऋण होता है। संपत्ति के एवज में कर्ज इसलिए भी सस्ता है क्योंकि इसमें कर्ज चुकाने के लिए दूसरी तरह के कर्ज के मुकाबले ज्यादा समय मिलता है। पर्सनल लोन जैसे अन्य कर्ज चुकाने की अवधि अधिकतम पांच साल होती है।
प्रीपेमैंट भी सम्भव है
संपत्ति के एवज में लिए कर्ज का प्रीपेमैंट भी किया जा सकता है। इसमें बैंकों के लिए नियमित गृह ऋण की तरह दिशा-निर्देश तय किए गए हैं। हालांकि, बैंक फ्लोटिंग रेट लोन के लिए कोई शुल्क नहीं वसूलते हैं लेकिन फिक्स्ड रेट लोन के लिए इस पर 2 से 4 प्रतिशत जुर्माना लगता है।
कैसे लें संपत्ति के एवज में कर्ज?
जिस संपत्ति के एवज में कर्ज लिया जा रहा है उसके एक से ज्यादा मालिक हैं तो उनमें से सभी को कर्ज लेने के लिए सह-आवेदक बनना होगा। किसी भी तरह की फ्रीहोल्ड प्रॉपर्टी पर कर्ज ले सकते हैं, इसमें घर से लेकर प्लॉट तक कुछ भी शामिल हो सकता है। इससे भी फर्क नहीं पड़ता है कि आप इस संपत्ति में खुद रह रहे हैं या इसे किराए पर दिया गया है। सबसे जरूरी है कि संपत्ति का मालिकाना हक स्पष्ट हो और उस पर किसी तरह का विवाद न हो।
सभी दस्तावेजों की होती है जांच
बैंक संपत्ति से संबंधित सभी दस्तावेजों की जांच करता है, साथ ही रिहायश का सबूत भी मांगता है। आपको पहचान पत्र की प्रति भी जमा करानी पड़ती है। यदि आप नौकरी कर रहे हैं तो पिछले 6 महीने का बैंक स्टेटमैंट देना पड़ता है, जबकि स्वरोजगार करने वाले व्यक्ति को गुजरे दो साल का सर्टीफाइड फाइनांशियल स्टेटमैंट देना होता है। बैंक से मिलने वाला कर्ज कई कारकों पर निर्भर करता है। इनमें वर्क प्रोफाइल और उधार लेने वाले की उम्र शामिल होती है। अमूमन तीन साल का इन्कम प्रूफ संपत्ति के एवज में कर्ज लेने के लिए काफी है। इसके लिए न्यूनतम उम्र 24 वर्ष है। साथ ही कर्ज देने वाले चाहते हैं कि कर्ज की रकम पूरी वापस मिल जाए इसीलिए वे चाहते हैं कि लोन लेने वाले के पास नियमित आय के स्रोत हों।