Edited By ,Updated: 17 Jan, 2017 10:26 AM
नोटबंदी को बतौर उपब्लधि गिना रही केंद्र सरकार को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से झटका लगा है।
नई दिल्लीः नोटबंदी को बतौर उपब्लधि गिना रही केंद्र सरकार को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से झटका लगा है। आईएमएफ ने भारत की वृद्धि दर अनुमान को 7.6 फीसदी से 1 फीसदी कम कर 6.6 कम कर दिया है। आईएमएफ ने इसकी वजह नोटबंदी से पैदा हुई अस्थायी नकारात्मक खपत के झटके को बताया है।
बता दें कि इससे पहले विश्व बैंक ने भी भारत की वृद्धि दर घटाकर 7.6 फीसदी से 7 फीसदी कर दी है। सोमवार को जारी की गई इकॉनमिक आउटलुक अपडेट के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष 2016-2017 के लिए 1 फीसदी और अगले वित्तीय वर्ष में भारत की वृद्धि दर को 0.4 फीसदी कम कर दिया गया है। इसके पीछे वजह नोटबंदी के कारण नकदी संकट को बताया गया है। वहीं आईएमएफ ने अपनी ही रिपोर्ट में यह भी कहा कि 2016 में सुस्त रही अर्थव्यवस्था अगले दो साल में ठीक हो सकती है। कहा गया है कि विकासशील देश, आगे के सालों में तेजी दिखा सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018 में भारत 2018 के वित्तीय वर्ष में 7.7 फीसदी की वृद्धि दर हासिल कर लेगा। वहीं वैश्विक विकास की वृद्धि दर 3.1 फीसदी रखी गई है।