Edited By ,Updated: 19 Apr, 2017 10:10 AM
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आई.एम.एफ.) ने साल 2017 के लिए भारत के ग्रोथ रेट अनुमान में 0.4 फीसदी की कटौती करते...
नई दिल्लीः अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आई.एम.एफ.) ने साल 2017 के लिए भारत के ग्रोथ रेट अनुमान में 0.4 फीसदी की कटौती करते हुए इसे 7.2 फीसदी कर दिया है। आई.एम.एफ. ने कहा है कि नोटबंदी की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है। आई.एम.एफ. द्वारा भारत की ग्रोथ रेट घटाने के बावजूद इस साल यह दुनिया की सबसे तेज बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था हो सकती है। आई.एम.एफ. के अनुसार 2017 में चीन की ग्रोथ रेट 6.6 फीसदी ही रहेगी और 2018 में यह और घटकर 6.2 फीसदी तक चली जाएगी। आई.एम.एफ. के अनुसार हाल के वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था काफी तेजी से बढ़ रही है और इसकी वजह सरकार द्वारा सुधार के महत्वपूर्ण कदम उठाना ही है।
नोटबंदी से लगा झटका
आई.एम.एफ. ने अपने सालाना वर्ल्ड इकनॉमिक आउटलुक में कहा है, 'भारत में, साल 2017 के लिए वृद्धि दर के अनुमान को 0.4 फीसदी घटाकर 7.2 फीसदी किया गया है। इसकी मुख्य वजह यह है कि हाल में मुद्रा विनिमय के पहल से नकदी की तंगी और भुगतान में व्यवधान की वजह से खपत को अस्थायी नेगेटिव झटका लगा है।'
ग्रोथ का अनुमान 8% के करीब पहुंच सकता है
यह रिपोर्ट आई.एम.एफ. और वर्ल्ड बैंक की सालाना बैठक से पहले जारी की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है, 'भारत के लिए मध्यम अवधि की तरक्की की संभावनाएं अनुकूल हैं। मध्यम अवधि में ग्रोथ का अनुमान 8 फीसदी के करीब पहुंच सकता है, अगर महत्वपूर्ण सुधारों को लागू किया गया, आपूर्ति पक्ष की बाधाएं दूर की गईं और उपयुक्त वित्तीय तथा मौद्रिक नीतियां अपनाई गईं।' गौरतलब है कि नोटबंदी के बावजूद फरवरी में भारत सरकार ने ग्रोथ रेट का आंकड़ा उम्मीद से ज्यादा 7.1 फीसदी का जारी किया था। लेकिन सरकार के इन आंकड़ों पर कई जानकारों को संदेह था। जानकारों का मानना था कि इसमें नोटबंदी के पूरे असर को नहीं दर्शाया गया।