Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Mar, 2018 07:26 PM
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े श्रमिक संगठन भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने निर्धारित अवधि के रोजगार संबंधी प्रावधान का विस्तार सभी क्षेत्रों में किए जाने को लेकर सरकार की आलोचना की
नई दिल्लीः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े श्रमिक संगठन भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने निर्धारित अवधि के रोजगार संबंधी प्रावधान का विस्तार सभी क्षेत्रों में किए जाने को लेकर सरकार की आलोचना की और कहा कि इससे कंपनियों में कर्मचारियों की छंटनी को वैधता मिलेगी, साथ ही यह स्थायी नौकरियों को खत्म करेगा।
भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष सी. के. साजी नारायणन ने कहा, 'सरकार को निश्चित अवधि के रोजगार के संबंध में जारी विवादित नई अधिसूचना को तत्काल प्रभाव से वापस लेना चाहिए, जिसमें निर्धारित अवधि के रोजगार की सुविधा का विस्तार सभी क्षेत्रों में बढ़ा दिया गया है।' बीएमएस ने कहा कि औद्योगिक रोजगार (स्थायी आदेश) अधिनियम 1946 में संशोधन करने वाली इस अधिसूचना से औद्योगिक क्षेत्रों से स्थायी नौकरियां खत्म होंगी और सभी नौकरियां एक निश्चित अवधि वाली अस्थायी रोजगार में परिर्वितत हो जाएंगी।
संघ ने कहा, 'यह भी अत्यधिक विवादास्पद है कि नियोक्ता निर्धारित अवधि वाले अनुबंध को केवल दो हफ्तों का नोटिस देकर खत्म कर सकता है। बीएमएस द्वारा किसी भी आपत्ति को सरकार ने स्वीकार नहीं किया है। इससे श्रम क्षेत्र में नौकरी से जब चाहे हटाने की प्रक्रिया वैध हो जाएगी और श्रमिकों और उद्योग के बीच कोई स्थायी संबंध नहीं रह जाएगा।' इस महीने की शुरुआत में सरकार ने औद्योगिक रोजगार (स्थायी आदेश) अधिनियम 1946 में संसोधन करके निश्चित अवधि के रोजगार को सभी क्षेत्रों के लिए सुलभ कर दिया था। पहले यह सुविधा सिर्फ परिधान विनिर्माण उद्योग के लिए ही थी।