Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Jun, 2017 12:01 PM
1 जुलाई 2017 से गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) देश में लागू हो रहा है। जी.एस.टी. लागू होने के बाद देश में मौजूदा टैक्स स्ट्रक्चर
नई दिल्ली: 1 जुलाई 2017 से गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) देश में लागू हो रहा है। जी.एस.टी. लागू होने के बाद देश में मौजूदा टैक्स स्ट्रक्चर पूरा बदल जाएगा। इसके तहत सोने पर 3 फीसदी टैक्स लगाया गया है। इसके अलावा सोना खरीदने और बेचने पर भी टैक्स लगाया गया है। साथ ही इससे जुड़ी अन्य सेवाओं को भी जी.एस.टी. के दायरे में रखा गया है और अब उन पर भी टैक्स चुकाना पड़ेगा।
कमोडिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि टैक्स स्ट्रक्चर में बदलाव होने से सोने की कीमतें गिरकर 28 हजार रुपए से नीचे पहुंच सकती है। जी.एस.टी. से मार्कीट में कई अहम बदलाव होंगे जिसका प्रेशर अगले 2-3 महीनों तक सोने की कीमतों पर देखने को मिल सकता है।फिलहाल सोने की कीमत 28,700 रुपए प्रति 10 ग्राम है, जो जीएसटी के बाद 1000 रुपए टूटकर 27,800 रुपए तक पहुंच सकती है।
कैसे लगेेगा जी.एस.टी के बाद टैक्स
जीएसटी लागू होने के साथ सोने के गहनों की कीमतें बढ़ जाएंगी। अभी सोने के गहनों पर 10+1+1.2= 12.2 फीसदी टैक्स लगता था। इसमें 10 फीसदी कस्टम ड्यूटी, 1 फीसदी एक्साइज ड्यूटी और 1.2 फीसदी वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) शामिल है। गोल्ड ज्वैलरी पर 3 फीसदी जी.एस.टी. लगने के बाद टैक्स 10+3= 13 फीसदी हो जाएगा। इसका मतलब मौजूदा एक्साइज ड्यूटी और वैट की जगह 3 फीसदी जी.एस.टी. लगेगा। इससे गोल्ड ज्वैलरी महंगी हो जाएगी।
ज्वैलरी मेकिंग चार्ज पर 5 फीसदी जी.एस.टी.
इसके अलावा, गोल्ड ज्वैलरी मेकिंग चार्ज पर 5 फीसदी जीएसटी रेट लगाया गया है। इससे सोने के गहने बनवाना और महंगा हो जाएगा। वहीं सरकार ने कैश में 2 लाख रुपए तक ग्लोड ज्वैलरी खरीदने की लिमिट तय कर रखी है। इस लिमिट से ज्यादा कैश में सोना खरीदने पर 1 फीसदी का टीसीएस (टैक्स क्लेक्टेड एट सोर्स) देना होगा। इससे सोने की डिमांड प्रभावित होगी।
ज्वैलरी बेचने पर लगेगे तीन तरह के टैक्स
कस्टमर को पुरानी ज्वैलरी बेचने में तीन तरह के टैक्स चुकाने पड़ सकते हैं। मसलन अगर वह ज्वैलरी बेचकर सिर्फ कैश लेता है तो उसे 3 फीसदी रिवर्स चार्ज देना होगा। दूसरा अगर कस्टमर पुरानी ज्वैलरी में ही वैल्यु एडिशन कराता है, तो उसे 18 फीसदी सर्विस टैक्स चुकाना होगा, जो लेबर चार्ज पर लगेगा। तीसरी कैटेगरी यह है कि अगर आपने पुरानी ज्वैलरी बेचकर नई खरीदी तो उसे 3 फीसदी रिवर्स चार्ज और 3 फीसदी जीएसटी भी देना होगा।