अप्रैल 2016 से पहले होम लोन लेने वालों के लिए अहम खबर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Feb, 2018 10:52 AM

important news for those who took home loan before april 2016

भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को एक अप्रैल से आधार दर को कोष की सीमान्त लागत आधारित (एम.सी.एल.आर.) लोन दर से जोड़ने को कहा है। माना जा रहा है कि इस कदम से पुराने होम लोन कुछ सस्ते हो सकते हैं। एम.सी.एल.आर. नीतिगत दर से मिलने वाले संकेतों के प्रति...

नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को एक अप्रैल से आधार दर को कोष की सीमान्त लागत आधारित (एम.सी.एल.आर.) लोन दर से जोड़ने को कहा है। माना जा रहा है कि इस कदम से पुराने होम लोन कुछ सस्ते हो सकते हैं। एम.सी.एल.आर. नीतिगत दर से मिलने वाले संकेतों के प्रति अधिक संवेदनशील होती है। आधार दर व्यवस्था की अपनी सीमाएं होने की वजह से रिजर्व बैंक ने एक अप्रैल, 2016 से एम.सी.एल.आर. प्रणाली शुरू की थी।

एक अप्रैल, 2016 से पहले के होम लोन आधार दर पर आधारित है, जिसे बैंक खुद तय करते रहे हैं। नोटबंदी के बाद से एम.सी.एल.आर. से जुड़ी ब्याज दरें नीचे की ओर आ रही हैं। रिजर्व बैंक ने बयान में कहा, ‘‘एम.सी.एल.आर. प्रणाली को शुरू करने के बाद उम्मीद की रही थी कि मौजूदा आधार दर से संबंधित लोन को भी इस प्रणाली में स्थानांतरित किया जाएगा। केंद्रीय बैंक ने कहा कि यह देखने में आया है कि बैंकों के कर्ज का एक बड़ा हिस्सा आज भी आधार दर से जुड़़ा है। रिजर्व बैंक पूर्व की मौद्रिक समीक्षाओं में भी इस पर चिंता जता चुका है।

केंद्रीय बैंक ने कहा कि एम.सी.एल.आर. उसकी नीतिगत दर के संकेतों को लेकर अधिक संवेदनशील है, ऐसे में एक अप्रैल, 2018 से आधार दर को इससे जोड़ने का फैसला किया गया है। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एन एस विश्वनाथन ने मौद्रिक समीक्षा के बाद कहा था कि केंद्रीय बैंक मौद्रिक नीति रुख के आधार दर को स्थानांतरित करने में कमी को लेकर चिंतित है। बड़ी संख्या में खाते अभी भी आधार दर प्रणाली के तहत हैं।

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