Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Jun, 2017 05:10 PM
चालू वित्त वर्ष में खरीफ सत्र के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) में वृद्धि पिछले साल...
नई दिल्ली: चालू वित्त वर्ष में खरीफ सत्र के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) में वृद्धि पिछले साल से अधिक है, लेकिन इसके बावजूद यह काफी कम है। विशेष रूप से किसानों के हालिया विरोध प्रदर्शनों से ऐसा लगता है। जापानी की वित्तीय सेवा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी नोमूरा की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।
नोमूरा के अनुसार एम.एस.पी. में वृद्धि पिछले साल से अधिक रही है और यह किसानों के लिए उत्पादन बढ़ाने का संकेत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ फसलों का बाजार मूल्य एम.एस.पी. से नीचे चला गया है, इससे बुवाई हतोत्साहित होगी, विशेष रूप से दलहन और तिलहन के मामले में।
नोमूरा के शोध नोट में कहा गया है, किसानों के हालिया प्रदर्शनों के मद्देनजर हमारा मानना है कि एम.एस.पी. में वृद्धि मामूली रही है। सरकार ने धान के एम.एस.पी. में 80 रुपए प्रति क्विंटल वृद्धि को मंजूरी दी है। वहीं दलहन का समर्थन मूल्य 400 रुपए प्रति क्विंटल तक बढ़ाया गया है। इसका मकसद यह है कि किसान खरीफ सत्र में इन फसलों का बुवाई क्षेत्र बढ़ाएं। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सात जून को 14 खरीफ यानी गर्मियों की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को मंजूरी दी थी।