Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Aug, 2017 03:05 PM
मिड ईयर इकोनॉमिक सर्वे में भी ग्रोथ को लेकर चिंता जताई गई है। इसमें ग्रोथ की रफ्तार धीमी पड़ने
नई दिल्लीः मिड ईयर इकोनॉमिक सर्वे में भी ग्रोथ को लेकर चिंता जताई गई है। इसमें ग्रोथ की रफ्तार धीमी पड़ने के संकेत दिए गए हैं। वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी 6.75-7.5 फीसदी रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा है कि किसानों की कर्ज माफी से वित्तीय घाटे पर असर पड़ेगा। सरकार ने कहा है कि आर.बी.आई. ने रिटेल महंगाई का अनुमान 1 फीसदी ज्यादा रखा है। सर्वे में सरकार ने कहा है कि नोटबंदी के बाद जीडीपी ग्रोथ में तेजी आई है। सरकार का कहना है कि निजी बैंकों की लोन ग्रोथ सरकारी बैंकों के मुकाबले ज्यादा बेहतर है।
इस आर्थिक सर्वे के बारे में ज्यादा बात की नीति आयोग के वाइस चेयरमैन अरविंद पानगढ़िया ने कहा कि सर्वे 7.5 फीसदी दिया गया है, ग्रोथ पर मैं काफी बुलिश हूं। किसी भी तरह की कर्जमाफी का असर रहता है, कर्जमाफी अर्थव्यवस्था के लिए सही नहीं है। कर्जमाफी होने के किसान खर्च बढ़ा सकता है। कर्जमाफी से सरकार का खर्च कम हो सकता है। उन्होंनें आगे कहा कि आर्थिक सर्वे में मंहगाई 4 फीसदी दी गई है। मंहगाई काबू में रही है। बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था में 4 फीसदी मंहगाई ठीक है।