Edited By ,Updated: 08 May, 2017 01:48 PM
नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने आज कहा कि किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने तथा कृषि लागत को कम करने के उद्देश्य से भारत, इजरायल के साथ कृषि के क्षेत्र में सहयोग का दूसरा चरण शुरू करना चाहता है
नई दिल्लीः नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने आज कहा कि किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने तथा कृषि लागत को कम करने के उद्देश्य से भारत, इजरायल के साथ कृषि के क्षेत्र में सहयोग का दूसरा चरण शुरू करना चाहता है।
प्रो. चंद ने कृषि के क्षेत्र में भारत इजरायल द्विपक्षीय सहयोग सम्मेलन से इतर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि इजरायल कृषि नवाचार के क्षेत्र में विश्व का नेता है और वह इस क्षेत्र में भारत की मदद कर रहा है। उन्होंने कहा कि इजरायल की 60 प्रतिशत जमीन बंजर है इसके बावजूद वह फलों और सब्जियों का निर्यात करता है। उन्होंने कहा कि इजरायल के सहयोग से अनेक राज्यों में बागवानी उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित किये गये हैं और इससे किसान लभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इजरायल फलों एवं सब्जियों के मामले में न केवल अग्रणी भूमिका निभाता है बल्कि इस क्षेत्र में पानी के सदुपयोग, खाद्य प्रसंस्करण, मृदा स्वास्थ्य, आलू उत्पादन और अनाजों के भंडारण में भी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करता है।
योजना आयोग के सदस्य ने कहा कि देश में खाद्य सुरक्षा से बड़ी पानी की चुनौती है और इजरायल टपक सिंचाई (ड्रिप एरीगेशन) में महारत रखता है जिससे भारत को सीखने की जरूरत है। इजरायल मल जल और नालों के गंदे पानी को साफ कर इसका उपयोग फसलों की सिंचाई के लिए करता हैं।
भारत में इजरायल के राजदूत डेनियल कारमोन ने कहा कि उनका देश कृषि के विकास के लिए भारत के साथ आपसी सहयोग करना चाहता है और इस क्षेत्र में निजी क्षेत्र को आकर्षित करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि फलों एवं सब्जियों के उत्पादन में भारी वृद्धि के लिए देश के अलग-अलग राज्यों में उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित किए गए हैं और इससे किसान लाभान्वित हो रहे हैं। इसके साथ सरकार ने कृषि के क्षेत्र में ‘पर ड्राप, मोर क्राप’ का नारा दिया है जिसमें उनका देश मदद कर सकता है।