भारतीय अंतर्राष्‍ट्रीय व्यापार मेले का आगाज आज, प्रणब मुखर्जी ने किया उद्घाटन

Edited By ,Updated: 14 Nov, 2016 03:33 PM

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राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज राजधानी के प्रगति मैदान में आयोजित भारत के अंतर्राष्‍ट्रीय व्यापार मेले का उद्घाटन किया।

नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज राजधानी के प्रगति मैदान में आयोजित भारत के अंतर्राष्‍ट्रीय व्यापार मेले का उद्घाटन किया। इस वार्षिक मेले में इस बार 27 देशों की 150 से अधिक कंपनियां भाग ले रही हैं। इस वर्ष मेले का मुख्य विषय ‘डिजिटल इंडिया’ है और यह 27 नवंबर तक चलेगा।

राष्ट्रपति ने उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘डिजिटल प्रौद्योगिकी, ई-कामर्स और मोबाइल सेवाएं ई-गवर्नेंस (सरकारी सेवाआें की आन-लाइन व्यवस्था) का मुख्य अंग हैं और आने वाले समय में सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) की वृद्धि में इनका महत्वपूर्ण योगदान होगा।’ राष्ट्रपति ने कहा कि राजकाज की ई-संचालन व्यवस्था के लिए सरकार की हाल की पहलों का परिणाम दिखने लगा है और सरकारी सेवाएं देने का काम अधिक दक्ष और कारगर हुआ है। प्रणब ने कहा कि देश इस समय विभिन्न क्षेत्रों में विनिर्माण के एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित होने का प्रयास कर रहा है। एेसे में भारत को अपनी उर्जा की बढ़ती जरूरत का इंजाम इस ढंग से करना चाहिए कि पर्यावरण के मुद्दों पर कोई समझौता नहीं करना चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘जनसंख्या, विकास और शहरीकरण से संसाधनों की उपलब्धता पर जबरदस्त दबाव पड़ रहा है। संसाधनों के वृहद पैमाने पर इस्तेमाल से पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। एेसे में जरूरी है कि उद्योग क्षेत्र  पारिस्थिति को बचा कर चलने वाले उपाय और प्रौद्योगिकी अपनाए।’

चौधरी बीरेंदर सिंह मेले में स्‍टील पैवेलियन का करेंगे उद्घाटन 
केंद्रीय इस्‍पात मंत्री चौधरी बीरेंदर सिंह अंतर्राष्‍ट्रीय व्‍यापार मेले में हॉल संख्‍या 18यू के स्‍टॉल संख्‍या 15ए में 4:00 बजे स्‍टील मंत्रालय के पैवेलियन का उद्घाटन करेंगे। इस्‍पात मंत्रालय में सचिव डॉ अरुणा शर्मा भी उद्घाटन करने के लिए उपस्‍थित रहेंगी।

इस अवसर पर स्‍टील क्षेत्र की सरकारी कंपनियों एवं निजी क्षेत्र की कंपनियों के प्रमुख एवं इस्‍पात मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारी भी उपस्‍थित होंगे।

अपनी उच्‍च लचीली क्षमता, निम्‍न लागत एवं अंतर्निहित उपयोगों के कारण स्‍टील किसी भी आधुनिक सभ्‍यता की रीढ़ की हड्डी है और भारत जैसी बढ़ती अर्थव्‍यवस्‍था के लिए अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण है। स्‍टील उद्योग निरंतर नई प्रौद्योगिकियों पर अनुसंधान कर रहा है, जिससे कि विश्‍व के सबसे मजबूत और बहु उपयोगी पदार्थ में बढ़ोतरी की जा सके। दुनिया भर में स्‍टील के 2000 से अधिक ग्रेड हैं, जिसमें से 1500 ग्रेड उच्‍च श्रेणी स्‍टील हैं।
 

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