World Bank का अनुमान, नोटबंदी-GST की वजह से कम रह सकती है भारत की वृद्धि दर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Oct, 2017 11:57 AM

india s growth rate may be lower due to gst notbandi

भारत की आर्थिक वृद्धि को लेकर बनी चिंताओं के बीच विश्वबैंक ने उसकी सकल घरेलू उत्पाद ....

वाशिंगटनः भारत की आर्थिक वृद्धि को लेकर बनी चिंताओं के बीच विश्वबैंक ने उसकी सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) वृद्धि दर कम रहने का अनुमान जताया है। नोटबंदी और माल एवं सेवाकर (जी.एस.टी.) को प्रमुख कारण बताते हुए उसने 2017 में भारत की वृद्धि दर 7 फीसदी रहने की बात कही है जो 2015 में यह 8.6 फीसदी थी। विश्वबैंक ने यह चेतावनी भी दी है कि अंदरुनी व्यवधानों से निजी निवेश के कम होने की संभावना है जो देश की वृद्धि क्षमताओं को प्रभावित कर नीचे की ओर ले जाएगा।
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IMF ने भी घटाई भारत की GDP 
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आई.एम.एफ.) ने भी कल 2017 के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.7 फीसदी कर दिया था। यह उसके पूर्व के दो अनुमानों से 0.5 फीसदी कम है। जबकि चीन के लिए उसने 6.8 फीसदी की वृद्धि दर का अनुमान जताया है। अपनी द्विवार्षिक दक्षिण एशिया आर्थिक फोकस रिपोर्ट में विश्वबैंक ने कहा है कि नोटबंदी से पैदा हुए व्यवधान और जी.एस.टी. को लेकर बनी अनिश्चिताओं के चलते भारत की आर्थिक वृद्धि की गति प्रभावित हुई है। परिणामस्वरुप भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2017 में 7 फीसदी रहने का अनुमान है जो 2015 में 8.6 फीसदी थी। सार्वजनिक व्यय और निजी निवेश के बीच संतुलन स्थापित करने वाली स्पष्ट नीतियों से 2018 तक यह वृद्धि दर बढ़कर 7.3 फीसदी हो सकती है।       
 

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