Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 May, 2017 11:58 AM
विश्वबैंक का कहना है कि मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। इसके पीछे अहम वजह मजबूत बुनियादी सुधार, निवेश माहौल में सुधार, घरेलू उपभोग और व्यापार बेहतर होना है। ‘भारत विकास रिपोर्ट मई-
नई दिल्लीः विश्वबैंक का कहना है कि मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। इसके पीछे अहम वजह मजबूत बुनियादी सुधार, निवेश माहौल में सुधार, घरेलू उपभोग और व्यापार बेहतर होना है। ‘भारत विकास रिपोर्ट मई-2017’ में विश्वबैंक ने सुझाव दिया है कि अर्थव्यवस्था में अधिक महिलाओं की भागीदारी से देश में दोहरे अंक की वृद्धि सुनिश्चित की जा सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि नवंबर 2016 में की गई नोटबंदी से भारत की वृद्धि पर थोड़ा असर पड़ा लेकिन पिछले वित्त वर्ष में मानसून बेहतर रहने से वृद्धि ठीक रही और अब चीजें सुधर रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘2017-18 में आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी। सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) के 7.2 प्रतिशत की दर से बढऩे का अनुमान है जो 2016-17 में 6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। वर्ष 2019-20 में इसके बढ़कर 7.7 प्रतिशत होने की संभावना है क्योंकि निजी निवेश में सुधार हुआ है।’’ विश्वबैंक के भारत में कंट्री निदेशक जुनैद अहमद ने कहा, ‘‘भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढऩे वाली अर्थव्यवस्था बनी रहेगी और माल एवं सेवाकर (जी.एस.टी.) के करीब पहुंचने से इसे अधिक गति मिलेगी क्योंकि यह कर व्यवस्था कंपनियों के कारोबार करने की लागत, माल के राज्यों के बीच आवागमन की लॉजिस्टिक लागत कम करेगी जबकि उनकी इक्विटी में कोई नुकसान नहीं होना भी सुनिश्चित करेगा।’’
रिपोर्ट के अनुसार निजी निवेश में सुधार के चलते 2019-20 में अर्थव्यवस्था में उच्च वृद्धि होने की उम्मीद है। विश्वबैंक ने यह भी कहा कि महिलाओं की अधिक भागीदारी के साथ भारत का जी.डी.पी. और अधिक वृद्धि की क्षमता रखता है और यह पूरा एक प्रतिशत बढ़ सकता है।